सुप्रीम कोर्ट का फैसला विवादित भूमि पर ही बनेगा रामलला का मंदिर
नरेश तोमर, सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या मामले पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित ढांचे की जमीन पर रामलला मंदिर बनाए जाने और मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन किसी दूसरे स्थान पर उपलब्ध कराने के आदेश दिये। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह स्पष्ट कह दिया कि अयोध्या की विवादित ढांचे वाली जमीन पर मंदिर बनेगा। इसके लिए केंद्र सरकार को तीन महीने में ट्रस्ट बनाकर कार्य शुरू करने की बात कही। वहीं इसके बदले मस्जिद के लिए मुस्लिमों को सरकार पांच एकड़ जमीन उपयुक्त स्थान पर देगी। अयोध्या मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद आरएसएस सरसंघचालक ने फैसले को न्याय वाला बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आज दुनिया ने भारत के सदभाव को देखा। यह नए भारत की शुरूआत है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च अदालत का ये फैसला हमारे लिए एक नया सवेरा लेकर आया है। इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो, लेकिन इस फैसले के बाद हमें ये संकल्प करना होगा कि अब नई पीढ़ी, नए सिरे से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटेगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इतिहास में सर्वणिम अध्याय की तरह है। फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग ने, हर समुदाय ने, हर पंथ के लोगों ने पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को प्रतिबिंबित करता है।