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लौह पुरूष की जयंती पर जम्मू-कश्मीर का बदला इतिहास

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लौह पुरूष की जयंती पर जम्मू-कश्मीर का बदला इतिहास
नरेश तोमर, लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर जम्मू-कश्मीर का इतिहास और भूगोल दोनों बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात से बदल गए। आज से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग अलग केंद्रशासित प्रदेश हो गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार देर रात इसकी अधिसूचना जारी की।

  • दोनों केंद्रशासित प्रदेश देश के पहले गृहमंत्री और 560 से ज्यादा रियासतों का विलय करने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर वजूद में आए हैं।
  • यह पहली बार है जब किसी राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा गया है।
  • दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में रणबीर कानून की जगह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) की धाराएं लागू होंगी।
  • नए जम्मू-कश्मीर में पुलिस व कानून-व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन होगी, जबकि भूमि व्यवस्था की देखरेख का जिम्मा निर्वाचित सरकार के तहत होगी।
  • जम्मू-कश्मीर में सरकारी कामकाज की भाषा अब ऊर्दू नहीं हिंदी हो जाएगी।
  • नए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 107 सदस्य हैं, जिनकी परिसीमन के बाद संख्या बढ़कर 114 तक हो जाएगी।
  • वहीं, विधायिका में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लिए पहले की तरह ही 24 सीट रिक्त रखी जाएंगी।

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