देश की सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में चल रहे विवाद पर अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के 23 अक्टूबर 2018 के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसमें केंद्र सरकार ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का फैसला किया था। उन्हें दोबारा पद पर बहाल कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला केंद्र सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि, अभी भी आलोक वर्मा पर लटकी हुई जांच की तलवार बरकरार है।साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि आलोक वर्मा कोई बड़ा नीतिगत फैसला नहीं लेंगे और उनके मामले में कमिटी फैसला लेगी। कमिटी नए सिरे से आलोक वर्मा के केस को देखेगी।
आलोक वर्मा पर जो आरोप लगाए गए हैं और उनपर जो भी जांच चल रही है, वह सभी जारी रहेंगे। अगले सात दिनों में हाई लेवल कमेटी (PM, CJI, LoP) इस पर अपना निर्णय सुनाएगी। अगर आलोक वर्मा के खिलाफ किसी एक्शन की जरूरत होती है तो वह यही कमेटी तय करेगी। तब तक आलोक वर्मा कोई बड़ा फैसला नहीं ले पाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट में आलोक वर्मा के अलावा एनजीओ कॉमन कॉज की ओर से अर्जी दाखिल कर मामले की एसआईटी जांच की मांग की थी। साथ ही सरकार द्वारा छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले को चुनौती दी गई है। गौरतलब है कि सरकार ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को 23 अक्टूबर को छुट्टी पर भेज दिया था जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सीवीसी से जवाब दाखिल करने को कहा था।