राफेल डील पर लोकसभा में आज सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोर्चा संभाला। अबतक रक्षा मंत्री के जवाब की मांग कर रही कांग्रेस पर रक्षा मंत्री ने तीखे वार किए। हर सवालों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी के सवाल पर रक्षा मंत्री निर्मला ने लोकसभा में कहा कि ऑफसेट करार को लेकर नीति 2013 में यूपीए के दौरान ही बना ली गईं थीं और हमारी सरकार ने इसे नहीं बदला है। उन्होंने कहा कि ऑफसेट पार्टनर तय करने का अधिकार निर्माता कंपनी को है, इसमें दोनों देशों की सरकारों की कोई दखल नहीं है। कितनी पार्टनर होंगे यह भी उसी कंपनी को तय करना होता है। मंत्री ने कहा कि कुल ऑफसेट में दसॉल्ट का शेयर 19 फीसद है बाकि में कई अन्य पार्टनर शामिल हैं।
निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए कहा कि असल में वह सौदा करना ही नहीं चाहती थी। कांग्रेस पर राफेल डील को लटकाए रखने का आरोप लगाते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान रक्षा मंत्रालय से दलालों से मुक्त हो गया। उन्होंने कहा कि पहला राफेल विमान इस साल आ रहा है और 2022 तक सभी विमान आ जाएंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि मेरा सवाल यह था कि डील में अनिल अंबानी को लाने की बात किसके कहने पर की गई थी। उन्होंने कहा कि सरकार की डील में राफेल के दाम अलग-अलग हैं।राहुल ने कहा कि करार को क्यों बदला गया, रक्षा मंत्री ने हमारे किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि देश को खतरा है तो 36 की जगह 126 विमान क्यों नहीं खरीदे गए, जब राफेल इतना ही सस्ता मिल रहा था।राहुल ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री ने रक्षा सौदे को बाईपास नहीं किया है, रक्षा मंत्री मेरी सिर्फ एक बात का जवाब दें।
सदन में विपक्ष के हंगामा करने पर रक्षा मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष के नेता मेरे जवाबों को नहीं सुनना चाहते हैं। यह काफी परेशान करने वाला है। उन्होंने कहा, ‘इस देश को समझना होगा कि रक्षा खरीद राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है और यह काफी महत्वपूर्ण है, चाहे हम सरकार में हों या वे।’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हमारे पड़ोसी देशों के पास का माहौल सब जानते हैं। उन्होंने कहा, देश में कोई भी सरकार शांति चाहती है। चीन और पाकिस्तान अपनी वायु सेना को और मजबूत कर रहे हैं और हम अभी उससे काफी पीछे हैं।