केरल के सबरीमाला मंदिर में बुधवार तड़के 50 साल से कम उम्र की दो महिलाओं ने प्रवेश किया। बताया जा रहा है कि बिंदु और कनकदुर्गा नाम की दो महिलाओं ने आधी रात को मंदिर की सीढ़ियां चढ़नी शुरू की और सुबह करीब 3.45 पर भगवान के दर्शन किए. इसके बाद मंदिर को शुद्धिकरण के लिए बंद कर दिया गया। मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने महिला श्रद्धालुओं को पूरी सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट से सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत मिलने के लगभग तीन महीने बाद पहली बार महिलाओं ने सबरीमाला में भगवान अयप्पा के दर्शन किए। मंदिर के 800 साल के इतिहास में पहली बार दो महिलाओं ने यहां प्रवेश कर भगवान अयप्पा की पूजा की है। मंदिर में प्रवेश करने वाली दोनों महिलाओं से फिलहाल संपर्क नहीं हो पाया है। बढ़ते विवाद की आशंका को देखते हुए मंदिर को अगले 2 दिन के लिए बंद कर दिया गया है।
क्या आया था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मामले पर सुनवाई के लिए 5 जजों की बेंच बनाई गई थी। इसमें एक महिला जज इंदु मल्होत्रा थीं। इस मामले फैसला 4-1 से फैसला आया था जिसमें कहा गया था कि किसी भी उम्र की महिला को मंदिर में प्रवेश से रोका नहीं जा सकता।जबकि पीठ में शामिल एकमात्र महिला जज इंदु मल्होत्रा ने इसका विरोध किया था।
800 साल से चली आ रही प्रथा
28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में हर उम्र की महिला को प्रवेश देने की इजाजत दी थी। इस फैसले के खिलाफ केरल के राजपरिवार और मंदिर के मुख्य पुजारियों समेत कई हिंदू संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। हालांकि, अदालत ने सुनवाई से इनकार कर दिया। इससे पहले यहां 10 से 50 साल उम्र की महिला के प्रवेश पर रोक थी। यह प्रथा 800 साल पुरानी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरे राज्यभर में विरोध हुआ।