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लोकसभा चुनाव की रणभूमि में लोजपा ने एनडीए की बढ़ाई मुश्किलें

लोकसभा चुनाव की रणभूमि में लोजपा ने एनडीए की बढ़ाई मुश्किलें

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लोकसभा चुनाव 2019 से पहले रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की पार्टी लोजपा (LJP) और बीजेपी (BJP) के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है।हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं था कि आखिर रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा और बीजेपी में पेंच कहां फंसा है
। मगर अब जो बात सामने आई है, उसकी मानें तो लोजपा और बीजेपी के बीच एक राज्यसभा की सीट को लेकर मामला फंसा है। दरअसल, लोजपा चाहती है कि सितंबर में बीजेपी ने उसे जो असम से राज्यसभा की एक सीट का वादा किया था, उस पर वह कायम रहे। जनशक्ति पार्टी (LJP) की नाराजगी की खबरों के बीच पार्टी के नेता चिराग पासवान ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली से नोटबंदी के फायदे को लेकर जानकारी मांगी है.चूंकि चिराग पासवान LJP संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, इसलिए केंद्र सरकार के अहम सहयोगी होने के नाते उनकी चिट्ठी के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।

लोजपा ने सात सीटों की मांग की थी, लेकिन, भाजपा ने लोजपा को छह सीटें देने की बात कही है। गुरुवार को लोजपा नेता रामविलास पासवान ने अपने बेटे और सांसद चिराग पासवान के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी। 

बता दें कि सीटों के बंटवारे को लेकर उपजे मतभेद के बाद रालोसपा ने एनडीए को अलविदा कहा और पार्टी अब महागठबंधन में शामिल हो गई है। पिछले दो दिनों से लोजपा के सुर भी बदले हुए थे। लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान की ओर से केंद्रीय मंत्रियों को लिखे गए पत्र भी इसका इजहार कर रहे थे कि वह सरकारी योजनाओं के खिलाफ सार्वजनिक बयान देने में भी नहीं चूकेंगे।

ऐसा माना जा रहा है कि एनडीए में बीजेपी और लोजपा के बीच तकरार की मुख्य वजह यही है कि बीजेपी लोजपा को एक राज्यसभा की सीट नहीं दे रही है। जिसका वादा उसने कुछ समय पहले सितंबर में किया था।दरअसल, सितंबर में जब नीतीश कुमार और अमित शाह ने बराबर-बराबर सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ने का फैसला किया था, तो उस वक्त रामविलास पासवान की पार्टी को चार लोकसभा सीटें और एक असम से राज्यसभा की सीट का प्रस्ताव दिया गया था। 

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