आईटी कंपनी जेनपैक्ट (एवीपी) स्वरूप राज (35) ने मंगलवार को खुदकुशी कर ली। पुलिस के मुताबिक स्वरूप को यौन शोषण के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया था। कंपनी अपने स्तर पर मामले की जांच कर रही थी। मी टू कैम्पेन शुरू होने के बाद स्वरूप पर दो महिला सहकर्मियों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इसके अलावा स्वरुप पर कंपनी स्तर की जांच भी चल रही थी।
मरने से पहले स्वरूप ने सुसाइड नोट में लिखा कि, मुझ पर दोनों सहकर्मियों द्वारा लगाए गए शोषण के सभी आरोप झूठे है। स्वरुप ने कंपनी प्रबंधन पर साथ न देने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि यदि मैं निर्दोष साबित हुआ होता तो भी लोग मुझे शक की निगाह से देखते, इससे समाज में मेरी पत्नी की इज्जत काम होती। इसलिए में यह कदम उठाने जा रहा हूँ।
2 साल पहले शादी हुई
मूल रूप से गुरुग्राम के रहने वाले स्वरूप राज फिलहाल नोएडा के सेक्टर-137 में पैरामाउंट फ्लोर विले सोसाइटी में रह रहे थे। दो साल पहले उनकी शादी हुई थी। स्वरूप की पत्नी कृति भी निजी कंपनी में नौकरी करती हैं। मंगलवार रात 11.30 बजे जब वे घर पहुंचीं तो पति को पंखे से लटका पाया। कृति का कहना है कि वो पति पर आरोप लगाने वाली महिलाओं को नहीं जानतीं। उनके बारे में पता चलने पर ज्यादा जानकारी मिल पाएगी।
3 महीने पहले ही प्रमोशन हुआ था
लिंक्ड-इन प्रोफाइल के मुताबिक स्वरूप ने 2007 में प्रोसेस डेवलपर के पद पर जेनपैक्ट में नौकरी की शुरुआत की थी। इस साल सितंबर में ही वे असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट बने थे।