बढ़ती आबादी …. बढ़ती वाहनों की संख्या… और बढ़ता अतिक्रमण किसी भी खूबसूरत शहर की शक्ल को बिगाड़ देता है.बलिया शहर की सड़को का आलम ऐसा है की सड़क की पटरियों पर बेतरतीब वाहन खड़े रहते है जिससे राहगीरों को मजबूरी वाश सड़कों पर ही चलना पड़ता है जिससे आये दिन एक्सीडेंट भी होते रहते है. आजादी के 70 साल बीत जाने के बावजूद बलिया नगरपालिका ने पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की है जिससे शहर में जाम की समस्या बढ़ती जा रही है.
अंग्रेजो द्वारा बलिया शहर को बसाया गया जहा सड़कों गलियों का इतना बढ़िया नेटवर्क तैयार किया गया था जिससे आम जनता को कोई परेशानी ना हो पर आजादी के बाद नगरपालिका ने शहर की बढ़ती आबादी और वाहनों की बढ़ती संख्या को गंभीरता से लेते हुए कोई विकास का खाका ही तैयार नहीं किया.ऐसे में आम जनता पर दोहरी मार पड़ रही है.लोगों का कहना है की गाड़ी खरीदते समय वो रोड टेक्स तो देते ही हैं पर शहर में पार्किंग की व्यवस्था ना होने से पुलिस उनके वाहनों का चालान भी काट देती है और उन्हें मजबूरी में पैसा देना पड़ता है.
बलिया शहर में बढ़ते माल और नर्सिंग होम जाम की बड़ी वजह बनते जा रहे है.जहा सैकड़ों की संख्या में वाहन बेतरतीब खड़े रहते है.ऐसे में बलिया के एडीएम का कहना है की ऐसे प्रतिष्ठानों पर कड़ी कार्यवाई की जाएगी साथ नगरपालिका को निर्देश भी दिया गया है की पार्किंग के लिए जगह सुनिश्चित कर शासन को दे ताकि जल्द से जल्द पार्किंग की व्यवस्था की जा सके.
अमित कुमार बलिया
हिंद न्यूज़ टीवी
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