मेरठ में भू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि एक पत्रकार को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया। स्थानीय पुलिस को सूचना देने के बाद भी पुलिस डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची। सिर्फ औपचारिकता ही करते हुए नजर आई। आरोपी भूमाफिया व टूर एंड ट्रैवल्स मालिक अपने साथियों सहित मौके से फरार हो गया।
बता दे कि थाना मेडिकल इलाके के रंगोली रोड पर एक न्यूज़ चैनल का पत्रकार अपनी टीम के साथ यहां पर बड़ी झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के साथ बाल दिवस पर स्टोरी करने आए थे तभी झुग्गी झोपड़ी के लोगों ने पत्रकार से शिकायत की कि यहां पर अवैध कब्जा कर के लोग दुकान खोले बैठे हैं और इन गरीब लोगों से मारपीट करते हैं और उनको परेशान भी करते हैं। इसकी भनक भू माफिया अवैध कब्जा धारी टूर एंड ट्रेवल्स के मालिक को लग गई । उसने पत्रकार नकुल को बुलाया और उसको अपने अवैध तरीके से बने हुए ऑफिस में खींच कर उसके साथ गाली-गलौज करते हुए अपने साथियों के साथ मिलकर मारपीट कर दी और यह कहते हुए कि पुलिस हमारी जेब में है और पुलिस हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी उसके ऊपर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर जलाने का प्रयास किया। इतना देख कर उसके साथ खड़े हुए साथी पत्रकार दौड़कर मौके पर पहुंचे तो आरोपी भूमाफिया और उसके साथी मौके से फरार हो गए पत्रकार द्वारा स्थानीय पुलिस को फोन किया गया तो थानाध्यक्ष सतीश कुमार भी उनको काफी देर तक टरकाते रहे । जब आला अधिकारी को फोन किया गया तो उसके डेढ़ घंटे बाद थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे और वहां पहुंचकर सिर्फ औपचारिकता के नाम पर खड़े रहे । जिसके बाद देर से पहुंचने पर मीडिया कर्मियों से थाना अध्यक्ष की काफी गहमागहमी भी हुई। मीडिया का कैमरा चलता देख थानाध्यक्ष ने कैमरा को थिएटर बताते हुए बंद करने के लिए कहा। हैरत की बात तो यह है कि इस अवैध ऑफिस में जब पुलिस पहुंची तो जिस ज्वलनशील पदार्थ से पत्रकार को जलाने का प्रयास किया जा रहा था उसकी बोतल भी वहां रखी हुई थी और इसके साथ साथ ताश के पत्ते भी टेबल पर बिखरे हुए थे जिसे देखकर प्रतीत होता है कि यहां पर जुआ भी खेला जा रहा था।
बता दे कि प्रतापगढ़ में भी एक पत्रकार को जलाकर मौत के घाट उतार दिया गया था जिसके बाद अब मेरठ में भी एक न्यूज़ चैनल के पत्रकार को जलाकर मारने की कोशिश की गई । अब सवाल ये ही बनता है कि क्या यही योगीराज है, क्या योगीराज में ऐसे ही पत्रकार भू माफियाओं का शिकार बनते रहेंगे।
प्रदीप शर्मा
मेरठ