राफेल डील घोटाले पर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण द्वारा दायर की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की। माननीय अदालत ने सील बंद लिफाफे में केंद्र सरकार से 36 विमानों की तय की गई कीमत और उस वक़्त क्या फैसला लिया गया सभी जानकारी मांगी है, इसके लिए केंद्र सरकार को 10 दिन का वक्त दिया, सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अटॉर्नी जनरल ने कहा की राफेल डील का मामला एक्सक्लूसिव है इसके कुछ दस्तावेज ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत आते हैं। उसके विवरण कोर्ट से साझा नहीं किए जा सकते। इस मामले में सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच सुनवाई कर रही है। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि अगर ऐसा है तो आप कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताएं कि जानकारी साझा क्यों नहीं की जा सकती? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह राफेल डील कारी भी साझा करे। हालांकि अदालत ने कहा कि गोपनीय और रणनीतिक जानकारी का खुलासा न किया जाए।
सीबीआई जांच की मांग-
याचिकाकर्ता वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट की निगरानी में राफेल डील की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। भूषण के अलावा पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी की ओर से याचिका दायर की गई हैं। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि अभी इसके लिए वक्त लग सकता है। पहले सीबीआई को अपना विभाग तो व्यवस्थित कर लेने दो।