भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के टारगेट अब की बार 200 के पार को पाने के लिए पार्टी पूरी तााकत लगा रही है। पार्टी ने सर्वे में कमजोर परफारमेंस वाले विधायकों को टिकट बदलने के संकेत दे दिए हैं। पिछले ड़ेढ़ साल के दौरान लगभग 67 विधायकों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने वन टू वन बातचीत की थी। उन सभी को पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में काम करने कहा गया है।
सर्वे में बताया गया था कि 67 से अधिक विधायक ऐसे हैं जो अब चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं। कई विधायकों के बारे में सर्वे रिपोर्ट में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने, मुलाकात नहीं करने सहित कई तरह की शिकायतें भी प्राप्त हुई थी। सत्ता और संगठन पिछले डेढ़ साल से इन्हें कामकाज सुधारने की सलाह दे रहा था। बार बार उनसे कहा गया था कि कार्यकर्ता नाराज रहेंगे तो आप किसके भरोसे चुनाव लड़ोगे। बावजूद इसके विधायक अपना परफॉरमेंस नहीं सुधार पाए ।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक जिन विधायकों के टिकट काटे जा रहे हैं उन्हें उनके विधानसभाक्षेत्र की सर्वे रिपोर्ट से काफी पहले अवगत करा दिया गया था। रिपोर्ट में एक-एक वर्ग से लेकर वार्ड -मोहल्ले और गांव में विधायक के कामकाज और कार्यकर्ताओं के साथ उनके समन्वय सहित आम जनता की नजर में उनकी छवि का बिंदूवार उल्लेख किया गया है, गौरतलब है कि इस रिपोर्ट के आधार पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के वक्त विधायकों के परफॉर्मेंस पर विस्तार से चर्चा हुई थी, इसमें बताया गया था कि लगभग 70 विधायक ऐसे हैं जो अब चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं।
पार्टी ने वक्त भी दिया
कमजोर परफारमेंस वले इन विधायकों को लेकर पार्टी की कवायद काफी पहले से चल रही है। हर विधायक के साथ बातचीत में उनके विधानसभा क्षेत्र की सर्वे रिपोर्ट भी साथ रखी गई थी। विधायकों को बकायदा बताया गया कि उनके इलाके में सरकार की ओर से कितने विकास कार्य करवाए गए हैं।उनके इलाके में कांग्रेस की स्थिति क्या है। दलित वोटबैंक विधायक से कितना नाराज है। अल्पसंख्यक वोटों में विधायक को लेकर किस तरह की नाराजी है। हर एक पहलू से विधायकों को अवगत कराया गया था। उन्हें समय भी दिया गया था कि वे अपना परफारमेंस सुधार सकते हैं।
कार्यकर्ताओं से समन्वय भी नहीं बना पाए
विधायकों से कहा था कि कार्यकताओं के साथ समन्वय बढ़ाएं। सर्वे रिपोर्ट में कई विधायकों के बारे में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने, मुलाकात नहीं करने सहित कई तरह की शिकायतें भी प्राप्त हुई थी। पार्टी ने बार बार कहा कि कार्यकर्ता आपसे नाराज रहेंगे तो आप किसके भरोसे चुनाव लड़ोगे फिर भी कोई खास बदलाव नहीं आया। बसपा का बढ़ रहा है प्रभाव उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्र के विधायकों को उनके क्षेत्र में बढ़ रहे बहुजन समाज पार्टी के प्रभाव से भी अवगत करवाया गया था।