पटना। दुर्गा पूजा के बाद नीतीश कुमार की अगुआई वाली बिहार सरकार की कैबिनेट को फिर से फेरबदल और विस्तार होने की संभावना है।
बिहार में सत्ताधारी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) से अनुसूचित जाति समुदाय से वोट हासिल करने के उद्देश्य से श्याम रजाक और अशोक चौधरी जैसे नेताओं पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। जेडी (यू) के लिए एक प्रमुख चेहरा रजक को पिछली बार मंत्रालय नहीं मिला, इसलिए नीतीश कुमार सरकार से नाखुश थे।
सूत्रों के मुताबिक, बिहार इकाई के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी, जो बाद में जेडी (यू) में शामिल हो गए, उनको राज्य कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो मिलने की उम्मीद है।
इस बीच, जेडी (यू) के सहयोगी भाजपा ऊंची जाति या हिंदूवादी छवि वाले नेताओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो आने वाले चुनावों में उच्च जातियों से वोट आकर्षित कर सकती है।
कुछ दिन पहले, राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आधिकारिक तौर पर जेडी (यू) में शामिल हो गए। यह अनुमान लगाया गया है कि किशोर को इस विस्तार में एक प्रमुख पोर्टफोलियो मिल सकता है।
मुख्यमंत्री ने जेडी (यू) की राज्य कार्यकारी बैठक में कहा कि दशहरा के बाद राज्य कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा।
2014 के आम चुनाव में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक जीत के पीछे प्रशांत किशोर थे। 2015 बिहार विधानसभा चुनावों में महागठबंधन (ग्रैंड एलायंस) में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जेडी (यू) को को एक बैनर तले लाने में उन्हें श्रेय दिया गया था।