अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में है और इस बार विवाद की वजह है तीसरी आँख यानी मोबाइल कैमरे में कैद AMU मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टरों की इज्जत। कोई शख्स इस तीसरी आँख का इस्तेमाल महिलाओं के ड्रेसिंग रूम के ऊपर बनी खाली जगह से कर रहा था। वह चोरी चोरी महिला डॉक्टरों के कपडे बदलते समय का वीडियो बना रहा था। कितने समय से ये वीडियो बनाये जा रहे थे ये सब जांच के बाद पता चल पायेगा लेकिन इस खुलासे से मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मचा हुआ है और महिला डॉक्टरों को डर है कि कपडे बदलते समय कहीं उनका वीडियो ना बन गया हो। इस मामले पर सभी महिला डॉक्टरों ने लिखित में AMU की हायर अथॉरिटी को शिकायत दर्ज कराई है। इस पर एक तीन सदस्यीय कमेटी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बना दी है जो पूरे मामले पर पांच दिन में रिपोर्ट देगी। प्रशासन ने तख्ती लगा कर उस जगह को बंद भी कर दिया। यहाँ सवाल उठता है कि AMU के मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही की वजह से कितनी महिला डॉक्टरों की अस्मत दाव पर लगी हुई है।
तीसरी आँख में कैद AMU मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टरों की इज्जत
अब आप को समझाते हैं कि पूरा वाक्या क्या है। दरअसल अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टरों के लिए एक छोटी सी जगह पर ड्रेसिंग रूम बना हुआ है। इस रूम में काफी समय से महिला डॉक्टर बाहर से आकर अपनी ड्रेस चेंज करती थी और फिर अपने अपने विभागों में जाती थीं। जैसे किसी महिला डॉक्टर को ऑपरेशन थिएटर में जाना है तो वो ओटी ड्रेस चेंज करती थी। उसके बाद ओटी रूम में जाती थी। इस ड्रेसिंग रूम में के ठीक ऊपर छत पर एक हिस्सा खुला हुआ था जिसे छतरी नुमा कवर किया गया था और उसमे सभी तरफ शीशे लगाए गए थे। इसकी वजह रही होगी की नीचे कमरे में प्रकाश आता रहे। लेकिन अब वो शीशे काफी समय से गायब थे। ये जो छतरी नुमा जगह बनी हुई थी वहां कई साल से कैंटीन बनी हुई है। जहाँ डॉक्टर और अन्य स्टाफ आकर जलपान इत्यादि करते हैं। कोई शख्स काफी समय से इसी छतरी नुमा जगह से नीचे ड्रेसिंग रूम में कपडे बदल रही महिला डॉक्टरों की क्लिपिंग बना रहा था।
मामले का खुलासा तब हुआ जब परसों एक महिला डॉक्टर कपडे बदल रही थी। उसकी निगाह अकस्मात ही ऊपर की ओर गई तो उसने देखा कि कोई हाथ में पीला मोबाइल लेकर उस छतरीनुमा जगह से वीडियो बना रहा था। वह महिला डॉक्टर चीख पड़ी और उसने ये बात अपने साथियों को बताई। सभी लोगों ने जाकर ऊपर देखा तो वहां पीले मोबाइल वाला कोई ब्यक्ति वहां नहीं मिला। हो सकता है वो चीख सुन वहां से फरार हो गया हो। महिला डॉक्टरों ने इस मामले की लिखित शिकायत तत्काल मेडिकल कॉलेज प्रशासन सहित AMU प्रशासन को भी दी। महिला डॉक्टरों का कहना था कि ना जाने कितने समय से हम सबकी वीडियो बन रही होंगी। तत्काल उन लोगों को पकड़ा जाए और उनके पास जो भी इस से सम्बंधित डाटा है वो सब डिलीट किया जाए। महिला डॉक्टरों के अंदर अब एक अजीब सा भय है कि ना जाने किस किस का कपडे बदलते हुए का वीडियो बनाया गया होगा और वायरल किया होगा। साथ ही महिला डॉक्टरों ने बताया की उनका ड्रेसिंग रूम ऊपर से खुला हुआ है और पास ही मेल ड्रेसिंग रूम भी है।
इस मामले पर मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुपरिटेंडेंट हारिश मंसूर का कहना है कि वो जगह 1962 की बनी हुई है जिसमे एक्सॉस्ट बने हुए थे। वहां अब केंटीन बनी हुई है। उस एक्सॉस्ट को काट कर टेबल बना दिया गया था। ऊपर कैंटीन थी और नीचे ड्रेसिंग रूम था। उस एग्ज़ॉस्ट वाली जगह पर शीशे लगे हुए थे। परसों किसी महिला ट्रेनी जो कपडे चेंज कर रही थी तो उसने किसी का मोबाइल वहां देखा। हमने जब वह देखा तो कुछ मिला तो नहीं लेकिन हमने कैंटीन को बंद कर दिया है। उस जगह को प्लाई से बंद कर दिया है। हमने चार सदस्यीय कमेटी डॉ काजी की अध्यक्षता में बना दी है जो पांच दिन में अपनी रिपोर्ट देंगे। उसके बाद हम इस पर कार्यवाही करेंगे। हम जल्द ही पुलिस में भी मामला दर्ज कराएँगे।
मेडिकल कॉलेज से जुडी संस्था रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन भी उन महिला डॉक्टरों के समर्थन में खड़ी हो गई है। आरडीए के अध्यक्ष डॉ अब्दुल्लाह ने कहा की ये बहुत दिनों से है। उन्होंने पूरे मामले में जांच कर जल्द से जल्द कड़ी कार्यवाही की मांग की है। AMU जैसे उच्च स्तरीय संसथान में महिला डॉक्टरों की इज्जत भगवन भरोसे है। महिला डॉक्टरों के वीडियो कब से और कौन बना रहा था ये जांच का भले ही विषय हो लेकिन मेडिकल प्रशासन इतनी बड़ी लापरवाही से पल्ला नहीं झाड़ सकता।