नई दिल्ली।
किसान क्रांति यात्रा समाप्त कर किसान लौट रहे है वापिस अपने घर। किसानों ने अपना आंदोलन अब खत्म कर दिया है। कल सारा दिन दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच भारी संघर्ष के बाद रात करीब 12 बजे के बाद सभी किसानों को किसान घाट जाने की अनुमति दे दी गई। केन्द्र सरकार द्धारा किसानों की कुछ समस्याआें पर सहमति बनी है मगर किसान इससे संतुष्ट नही है। किसानों की मांगे सरकार पूरी करने में असफल रही और अब किसान निराश होकर वापिस अपने घर को लौट रहे है। भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के प्रमुख नरेश टिकैत की अगुआई में हजारों किसान 200 से अधिक ट्रैक्टरों पर सवार होकर किसान घाट पहुंचे। टिकैत ने इसे किसानों की जीत बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अपने उद्देश्यों में विफल रही है।
सभी वाहनों के लिए सड़के खोल दी गई है और यातायात सामान्य है। हालांकि किसानों की सड़कों पर आवाजाही को ध्यान में रखते हुए गाजियाबाद के सभी स्कूलों को बंद रखा गया है। वहीं किसानों जिस रास्ते से गुजर रहे है, वहां पर पुलिस की कड़ी नजर है।इससे वे राष्ट्रीय राजधानी तक की अपनी तय यात्रा पूरी कर सके। भाजपा के विरोध में नारेबाजी करते हुए किसान बुधवार को रात में लगभग दो बजे किसान घाट पहुंचे।
ये हैं किसानों की मांगें
– किसान 60 साल की आयु के बाद पेंशन देने की मांग कर रहे हैं।
– पीएम फसल बीमा योजना में बदलाव करने की मांग।
– गन्ना की कीमतों का जल्द भुगतान की मांग।
– किसान कर्जमाफी की भी मांग कर रहे हैं।
– सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त में देने की भी मांग।
– किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज मुक्त लोन।
– आवारा पशुओं से फसल का बचाव।
– सभी फसलों की पूरी तरह खरीद की मांग भी की गई है।
– इसके अलावा किसान स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू करने की भी मांग है।
– गन्ने की कीमतों के भुगतान में देरी पर ब्याज देने की मांग कर रहे हैं।