नई दिल्ली।
कर्ज माफी, गन्ना की कीमतों समेत कई अन्य मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं। हरिद्वार से आ रहे इन किसानों को दिल्ली में दाखिल होने की इजाजत नहीं दी गई है, बावजूद इसके किसान अपनी जिद पर लड़े हैं. किसानों को राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इसके लिए पूरे यमुनापार में धारा-144 लगा दी गई है और यूपी से दिल्ली में प्रवेश करने के सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है। जिसके मद्देनजर दिल्ली-यूपी बॉर्डर को सील कर दिया गया है। दिल्ली में दाखिल होने वाले हर रास्ते को सील कर दिया गया है। दिल्ली से कौशांबी जाने वाले रूट में भी बदलाव किया गया है।
कर्जमाफी और बिजली बिल के दाम करने जैसी मांगों को लेकर किसान क्रांति पदयात्रा 23 सितंबर को हरिद्वार से आरंभ हुई थी। जिसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों से गुजरते हुए किसान सोमवार (1 अक्टूबर) को गाजियाबाद तक पहुंच गए। जहां इन किसानों को रोक दिया गया।
ये हैं किसानों की मांग
– किसान 60 साल की आयु के बाद पेंशन देने की मांग कर रहे हैं।
– पीएम फसल बीमा योजना में बदलाव करने की मांग।
– गन्ना की कीमतों का जल्द भुगतान की मांग।
– किसान कर्जमाफी की भी मांग कर रहे हैं।
– सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त में देने की भी मांग।
– किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज मुक्त लोन।
– आवारा पशुओं से फसल का बचाव।
– सभी फसलों की पूरी तरह खरीद की मांग भी की गई है।
– इसके अलावा किसान स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू करने की भी मांग है।
– गन्ने की कीमतों के भुगतान में देरी पर ब्याज देने की मांग कर रहे हैं।
इन किसानों की योजना गांधी जयंती के मौके पर राजघाट से संसद तक मार्च करने की है। लेकिन दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई है. साथ ही दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर को सील कर दिया गया है। पुलिस ने बेरिगेटिंग कर दी है। यूपी पुलिस और दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया है।