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सर्जिकल स्ट्राइक के ‘राजनीतिकरण’ को लेकर सेना को हो रही हैं ‘कोफ्त’

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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों के लांच पैड को तबाह किया था। जिसकी दूसरी सालगिरह पर मोदी सरकार इसे पूरे देश में धूमधाम से मना रही है। मोदी सरकार पूरे देश में तीन दिन का ‘पराक्रम पर्व’ मनाने वाली है। राजनीतिक जानकार, बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इस कदम को आम चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। साथ ही ऐसी भी खबरें भी आ रही है कि मोदी सरकार के इस कदम से सेना के कई अफसर नाखुश हैं।

द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सेना के कई अधिकारियों को सर्जिकल स्ट्राइक के लगातार राजनीतिकरण को लेकर कोफ्त रो रही है। अधिकारियों का मानना है कि गुपचुप अंजाम जिए जाने वाले सैन्य मिशनों का राजनीतिक फायदे के लिए बेवजह इस्तमाल नहीं किया जाना चाहिए। वहीं एक अफसर ने सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियों को आम करने पर ऐतराज जताया। अफसर ने कहा कि,’सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो क्लिप लीक कर दिए गए। टीम के कुछ सदस्यों टीवी चैनलों पर नजर आए, भले ही उनके चेहरे छिपा लिए गए हों। गुपचुप अंजाम दिए गए अभियानों को गुप्त ही बनाए रखा जाना चाहिए।’

एक अन्य अफसर ने कहा, ‘पिछले साल कोई पराक्रम पर्व नहीं मनाया गया। इस साल रक्षा मंत्रालय ने अचानक से सेना को आदेश दिया कि वे बड़े पैमाने पर इसकी सालगिरह मनाएं…51 शहरों में।’ उल्लेखनीय हो, 28 और 29 सितंबर 2016 की दरमियानी रात पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकियों के कई लांच पैड को सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए तबाह कर दिया गया था। अधिकारियों का मानना है कि यह ऑपरेशन बड़े स्तर पर हुआ था।

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