वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि देना बैंक, विजया बैंक, बैंक आॅफ बड़ौदा का विलय होगा। तीनों सरकारी बैंकों के प्रस्तावित विलय के बाद से यह देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि कर्ज देने की क्षमता को बेहतर बनाने और सरकारी बैंकों की क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है। तीनों बैंकों के मर्जर से किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। मौजूदा सेवा शर्तों के तहत किसी भी कर्मचारी पर इसका गलत असर नहीं होगा। सभी बैंकों पर सबसे बेहतर सेवा शर्तें लागू होंगी।
No employee will face any service conditions which are adverse in nature. The best of the service conditions will apply to all of them: Finance Minister Arun Jaitley on merger of Dena Bank, Vijaya Bank and Bank of Baroda. pic.twitter.com/9ym3rL12fi
— ANI (@ANI) September 17, 2018
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि सरकार ने बजट में ही एलान किया था कि बैंकों का कंसॉलिडेशन हमारे एजेंडा में है। इसके पहले चरण का एलान किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार के अपने आकलन के आधार पर बैंकों के मर्जर का फैसला किया गया है। हम सभी बैंकों को बचाना चाहते हैं और उन्हें मजबूत पहचान देना चाहते हैं, इसलिए कमजोर बैंकों का मजबूत बैंकों के साथ मर्जर करने का फैसला किया गया है।
Government had announced in the budget that consolidation of banks was also in our agenda and the first step has been announced: FM Jaitley on merger of Dena Bank, Vijaya Bank and Bank of Baroda pic.twitter.com/YC6ICSXEd0
— ANI (@ANI) September 17, 2018
उल्लेखनीय है, पिछले साल सितंबर में एसबीआई में पांच सहयोगी बैंकों का विलय किया गया था। इन बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला शामिल थे। इस विलय के बाद एसबीआई दुनिया के टॉप-50 बैंकों की लिस्ट में शामिल हो गया।