सरकार द्वारा जब भी कोई कदम उठाया जाता है तो कई बार देखा गया है कि सरकार का वो फैसला राजनीतिक पार्टियों और जनता को कई बार पसंद नहीं आता। जिसके बाद भारत बंद जैसी चीजें देखनो को मिलती है। वहीं आज पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर कांग्रेस समेत लगभग 21 विपक्षी पार्टियों द्वारा भारत बंद का आह्वान किया गया है। वहीं इस एक दिन के बंद में अर्थव्यवस्था को कितना बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचता है। आइए जानने की कोशिश करते हैं।
एक दिन के बंद का असर देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा पड़ता है। जैसे- शेयर बाजा में शेयरों की खरीदारी और बिक्री पर, मॉल-छोटे किराना स्टोर की बिक्री पर, प्रतिदिन फैक्ट्रियों में होने वाले उत्पादन पर, दफ्तरों के कामकाज पर, बैंकिंग, ट्रांस्पोर्टेशन, अस्पताल समेत कई जगहों पर सीधे तौर पर पड़ता है।
चलिए एक उदाहरण से समझते हैं कि अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर पड़ता है। दरअसल, देश के ट्रेड यूनियनों ने 2015 में एक दिन का भारत बंद किया था, जिसका बुरा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा और देश की अर्थव्यवस्था को लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा। इस बंद में बैंकिंग व्यवस्था, ट्रांस्पोर्टशन समेत कई सेवाओं पर बुरा असर पड़ा था।
वहीं सेंट्रल ट्रेड युनियन ने भी सितंबर 2016 में एक दिन का भारत बंद बुलाया था, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था को 18 हजार करोड़ रुपये की चपत लगी थी। ऐसे में ये समझना अब ज्यादा मुश्किल नहीं है कि कांग्रेस द्वारा बुलाए गए आज के बंद का देश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा।