आज आईपीसी की धारा 377 की की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है समलैंगिकता अपराध नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि समलैंगिकों को भी इज्जत से जीने का हक है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता के हक में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।
#WATCH Celebrations at Delhi’s The Lalit hotel after Supreme Court legalises homosexuality. Keshav Suri, the executive director of Lalit Group of hotels is a prominent LGBT activist. pic.twitter.com/yCa04FexFE
— ANI (@ANI) September 6, 2018
वहीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई को शीर्ष कोर्ट ने 4 दिन की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। जुलाई में शीर्ष अदालत में आईपीसी की धारा 377 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हो गई थी।
#WATCH Celebrations in Chennai after Supreme Court in a unanimous decision decriminalises #Section377 and legalises homosexuality pic.twitter.com/0dRCLDiBYy
— ANI (@ANI) September 6, 2018
वहीं सुनवाई होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सभी पक्षकारों को पीठ ने अपने-अपने दावों के समर्थन में 20 जुलाई तक लिखित दलीलें पेश करने को कहा था। उम्मीद जताई जा रही थी कि इस मामले में 2 अक्टूबर से पहले ही फैसला आने की संभावना है क्योंकि उस दिन मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा सेवानिवृत्त हो रहे हैं।