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हापुड़ – दूसरों का दर्द सुनने वाली तहसील नहीं पूछ पा रही खुद के आंसू

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दूसरों का दर्द सुनने वाली तहसील आज खुद रो रही है। जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारी स्वयं ही अपने कार्यालय की चारदीवारी में भयभीत नजर आते हैं, जगह जगह से पानी टपक कर कागजातों को ही नुकसान पहुंचाता है। कार्यालय से बचकर अधिकारी इधर-उधर निकलते नजर आते है। सामुदायिक केंद्र के लिए बनी बिल्डिंग में चल रही तहसील में बाहर से ज्यादा अंदर बरसात का असर दिखाई देता है फिर भी अधिकारी जर्जर हालत की बिल्डिंग में रहने को मजबूर है। अधिकारी इस जर्जर भवन में उप जिलाधिकारी और तहसीलदार का कार्यालय मौजूद है बरसात से क्षेत्र के लोगों को बचाने वाले अधिकारी खुद बरसात से तहसील भवन में परेशान रहते हैं।

आपको बता दें, धौलाना में वर्षों पुरानी सामुदायिक केंद्र की बिल्डिंग में तहसील चल रही है और वह बिल्डिंग इतनी जर्जर हालत में हो गई है कि जब बरसात आती है तो बाहर से ज्यादा देर तक तहसीलदार के कार्यालय व् खाद विभाग,लेखपाल, व् कानूनगो के कार्यलयों में पानी टपकता है मिनटो की बरसात होने के बाद घंटो तक तहसील प्रांगण की छत से पानी टपकना आम बात है जबकि शासन स्तर से धौलाना में तहसील का निर्माण कार्य वर्षो से अधर में लटका हुआ है जबकि कई बार उच्च अधिकारियो से जल्द से जल्द तहसील भवन को बनाने की मांग उठ चुकी है फिर भी इस मामले को शाशन प्रशासन गंभीरता से लेते हुए नहीं दिखाई दे रहा है जिसका नतीजा आज बाहर की बरसात से ज्यादा अंदर पानी टपकता है।

तहसील भवन में कुछ कमरे ऐसे हैं जहां अधिकारियों के ऊपर या टेबल के ऊपर पानी टपकता रहता है और दीवारों में सीलन के जरिए पानी फर्श पर इकट्ठा होता है तो अधिकारी भी अपने आप को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना मुनासिब समझते हैं जिससे सरकारी कार्य में बाधा तो पड़ती ही है। शहर और गांव वासी अपनी परेशानियों को लेकर जब तहसील भवन जाते हैं तो उनको भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है आपको बता दें कि तहसील में रखे कागजातों को भी इधर से उधर बचाकर रखना पड़ता है लेकिन इस बरसात में भी तहसीलदार और उप जिलाअधिकारी के कार्यालय का कोई भी पक्का इंतजाम नहीं हुआ है। बिल्डिंग की हालत इतनी दयनीय स्थिति में है कि कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है।

हिंद न्यूज टीवी के लिए हापुड़ से सुनिल गिरी

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