
नासा के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-1 अंतरिक्षयान के आंकड़ों के आधार पर चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों के सबसे अंधेरे और ठंडे स्थानों पर पानी को खोजा है, हाल में यह पानी जमी हुई स्थिति यानी के बर्फ के स्वरूप में मिला है।
अपको बता दें कि भारत ने 10 साल पहले इस अंतरिक्षयान का प्रक्षेपण किया था। सतह पर पर्याप्त मात्रा में बर्फ के मौजूद होने से वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा पर रहने के लिए भी जल की मौजूदगी की संभावना है।
पीएनएएस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि बर्फ इधर-उधर बिखरी हुई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से 2008 में प्रक्षेपित किये गए चंद्रयान-1 अंतरिक्षयान के साथ एम-3 को भेजा गया था।
ये जल हिम ऐसे स्थान पर पाये गए हैं, जहां चंद्रमा के घूर्णन अक्ष के थोड़ा झुके होने के कारण सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंच पाती है।