नयी दिल्ली। जेट एयरवेज के वित्तीय संकट की खबरों के बीच आज केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने आज स्पष्ट किया कि निजी एयरलाइंस को अपनी चुनौतियों से खुद निपटना होगा, सरकार की भूमिका तो केवल नीतिगत स्तर की ही हो सकती है। सुरेश प्रभु का यह बयान ऐसे समय आया है जब एयरलाइन उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है। एयरलाइन कंपनियों को लगातार कच्चे तेल के ऊंचे दाम और कड़ी प्रतिस्पर्धा से जूझना पड़ रहा है, जिसके कारण एयरलाइन कंपनियों का मुनाफा भी घट रहा है। जब मंत्री जी से जेट एयरवेज की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,‘‘हमें उनकी स्थिति की जानकारी नहीं है।’’ आपको बता दे, जेट एयरवेज पिछले 25 सालों से उड़ान सेवाएं दे रही है, और वो इस समय वित्तीय संकट से जूझ रही है। जेट एयरवेज ने इसी वित्तीय संकट के चलते जून तिमाही नतीजों की घोषणा टाल दी थी।
सुरेश प्रभु ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि, ‘‘हमें उनकी स्थिति की जानकारी नहीं है। जहां तक निजी एयरलाइंस का सवाल है, उन्हें अपने मुद्दों से खुद ही निपटना होगा। मंत्रालय सिर्फ नीतिगत पहलू पर गौर कर सकता है।’’ मंत्री जी का यह बयान ऐसे समय आया है, जब एयरलाइन ने कहा कि वह लागत घटाने के लिए अपने कर्मचारियों और प्रमुख हितधारकों के साथ वेतन में कटौती जैसे कदम उठाने के लिए चर्चा कर रही है।