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हार्दिक पटेल को अहमदाबाद पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने का असर सूरत में देखने को मिला। सूरत के लोगों ने बाहुल्य इलाके वराछा के योगी चौक में रविवार की रात को बीआरटीएस बस में और सड़को पर आगजनी और तोड़फोड़ की।
आपको बता दें, कि रविवार रात को पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के आंदोलनकारियों ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को हिरासत में लिए जाने के विरोध में सूरत में बीआरटीएस बस में आग लगा दी। आंदोलनकारियों ने बसों के साथ बस स्टैंड को भी निशाना बनाकर तोड़फोड़ की। इस घटना से परेशान होकर सूरत पुलिस ने इलाके में पुलिस की संख्या बढा दी।
सूरत के पुलिस कमिश्नर सतीश शर्मा का कहना है, कि फिलहाल वहां के हालात काबू में हैं, लेकिन जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है, उन्हें छोड़ा नही जायेगा। शहर में तोड़फोड़ और आगजनी को देखते हुए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर लोगों से कहा- असामाजिक तत्वों के जरिये सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हर किसी से मेरी विनती है, कि शांति बनाये रखे। विरोध अहिंसक होता है, हिंसा को मेरा समर्थन नहीं है।
बता दें, कि हार्दिक पटेल 25 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने वाले थे। इसके लिए पटेल ने अहमदाबाद के चार अलग-अलग जगहों पर उपवास करने की इजाजत मांगी थी। लेकिन प्रशासन ने उन्हें इजाजत नही दी, जिसके कारण उन्होंने रविवार को उसी जगह अपनी गाड़ी में बैठकर एक दिन के सांकेतिक उपवास करने का ऐलान किया। लेकिन हार्दिक के उपवास शुरू करने से पहले ही अहमदाबाद पुलिस ने उन्हें और उनके करीब 200 साथियों को हिरासत में ले लिया था। जिस कारण ये पूरा विवाद शुरू हुआ।