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लोकसभा चुनावों के साथ 14 राज्यों के विधानसभा चुनाव करा सकती है मोदी सरकार

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इस साल के अंत तक देश के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने है, साथ ही आने वाले दिनों में देश लोकसभा चुनावों में व्यस्त हो जाएगा। उसके कुछ दिनों बाद देश में फिर कुछ राज्यों में चुनाव होंगे। देश में लगातार यही स्थिति बनी रहती है। और इसी  स्थिति को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार एक देश, एक मतदान पर जोर दे रही है। वहीं भाजपा से जूड़े सूत्रों ने इस बारे में बताया कि सरकार इस बात पर गौर कर रही है कि 2018 से लेकर 2019 के अंत तक जिन राज्यो में चुनाव होने है उन सभी चुनावों को 2019 के लोकसभा चुनावों के साथ कराए जाए। वहीं आज इस मामले पर मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने बताया कि वो 11 राज्यों के चुनाव एक साथ कराने में सक्षम है।

एक देश, एक चुनाव के लिए केंद्र सरकार जिन राज्यों के नाम पर गौर कर रही हैं उऩ सभी राज्यों के चुनाव 2013 में या फिर 2014 में हुए थे यानि 2018 के अंत के साथ साथ साल 2019 के अंत तक उन राज्यों में चुनाव होंगे। मोदी सरकार इस कोशिश में लगी हैं कि जब देश 2019 के लोकसभा के चुनावों में जाएगा उसी समय इऩ राज्यों में चुनाव करा लिए जाए। वैसे अगर सरकार को अपने इस विचार को व्यवहारिक बनाने के लिए कुछ राज्यों में करीब तीन महीनों तक राष्ट्रपति शासन लगाना होगा। वहीं संविधान विशेषज्ञों की माने तो संविधान में इसके लिए कही जगह नहीं है।

इसके साथ ही बीजेपी से जूड़े सूत्रों ने हिंद न्यूज टीवी को बताया कि पार्टी का उच्च नेतृत्व बिहार औऱ जम्मू कश्मीर में भी चुनाव करवाने की सोच रहा है। क्योंकि जब से बिहार का मुजफ्फरपुर कांड सामने आया है उसेक बाद से लगातार बिहार के मुख्यमंत्री की छवि खराब हो रही है। वहीं जम्मू कश्मीर में अभी राष्ट्रपति शासन लागू है। तो ऐसे में अगर इस बात को मानकर की आने वाले दिनों मे बिहार औऱ जम्मू कश्मीर में भी चुनाव होने वाले हैं तो कुल मिलाकर 14 राज्य हो जाते है।

जिन विधान सभा का कार्यकाल 2018- 2019 के बीच पूरा हो रहा हैं

आंध्र प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश
छत्तीसगढ़
हरियाणा
राजस्थान
मिज़ोरम
ओडिशा
महाराष्ट्र
झारखण्ड
सिक्किम
मध्यप्रदेश

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