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कानपुर। 15 अगस्त आते ही बाजारों में तिरंगे की रौनक दिखाई देने लगी है आलम यह है कि हर कोई तिरंगे के रंग में रंग जाने को आतुर दिखाई दे रहा है। वहीं बाजारों में इस बार तिरंगे झंडों से लेकर टीशर्ट, बैच, हैट आदि तिरंगे सामान खूब बेंचे जा रहे है हालांकि योगी सरकार के प्लास्टिक बेन के बाद इसकी मार साफ तौर पर तिरंगे झंडा पर पड़ी है इसलिये इस बार प्लास्टिक के झंडे बेनर बाज़ार से नदारद दिखाई दे रहे हैं।
जीएसटी से पड़ा है व्यापार पर असर
15 अगस्त को लेकर बाजारों में तिरंगे से दुकानें सज गयी है जगह जगह खूब तिरंगे की खरीददारी करने में जुटे हुए हैं। कानपुर के मेस्टन रोड स्थित चौक मार्केट में तिरंगा झंडों की दुकाने सज गयी हैं जहां तिरंगे के रंग में रंगी कई वस्तुए दुकानों में उपलब्ध हैं। और ये तिरंगे के रंगे में रंगी हुई सुंदर चीज़े लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है साथ ही इस बार तिरंगे के रंग में टीशर्ट्स मालाएं और ब्रेसलेट, हैट्स दुकानों ,गुब्बारे खूब बिक रही हैं। दुकान पर महिलाओं ने अपने बच्चे के लिए टीशर्ट्स खरीदी तो वहीं युवाओं ने ब्रेसलेट और हैट्स खरीदे।
15 अगस्त के पूर्व बाजारों में जिस तरह से खादी के कपड़ो से निर्मित तिरंगे झंडों की भरमार थी वहीं विभिन्न प्रकार कपड़ो पर बने तिरंगे ने बरबस ही आजादी के उन दीवानों की याद दिला दी जो शहर की गलियों में तिरंगें फहराते और वंदेमातरम का नारा लगाते हुए दौड़ा करते थे। प्लास्टिक की शीटों के बजाय कपड़ो पर बने तिरंगे ने यह अहसास करा दिया है कि अब शहर को प्रदूषण मुक्त करने में आजादी के दीवाने भी अपना योगदान दे रहे हैं और कपड़े और कागज़ बने तिरंगे ही लहराते नज़र आएंगे। उधर दुकानदार राजेश का कहना है कि प्लास्टिक समाप्त होने से कपड़ो का तिरंगा बनने से खर्च तो बढ़ रहा है और इस पर जीएसटी की मार भी हम लोगो को झेलनी पड़ रही है। लोगों की डिमांड है कि सस्ता माल दिया जाए। व्यापार पर असर तो पड़ा ही है लेकिन इसके बावजूद हमें खुशी है कि हमारे फिर वही पुराने दिन लौट आये हैं जब कपड़े के तिरंगे लेकर आज़ादी के दीवाने अपनी अहिंसा की लड़ाई लड़ा करते थे।
हिंद न्यूज टीवी के लिए कानपुर से राघवेंद्र सिंह