दिल्ली सरकार ने शिक्षा निदेशालय के मताहत आने वाले सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि अगर स्कूल के अंदर कोई भी दुर्घटना, हिंसा, छेड़छाड़ या विरोध जैसी कोई भी अप्रिय घटना होती है तो उसके बारे में मीडिया को जानकारी देने से पहले उसे इसके बारे में सूचित किया जाए। यह कवायद इसलिए कि जा रही हैं ताकि मामले पर त्वरित कार्रवाई की जा सके और शिक्षा विभाग को शर्मिंदगी भी नहीं उठानी पड़े। यह निर्देश तब आया है जब शहर में एनडीएमसी के एक स्कूल परिसर में एक इलेक्ट्रीशियन द्वारा एक नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार किए जाने की घटना सामने आयी थी।
दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने स्कूल के प्राचार्यों को एक परिपत्र भेजा है जिसमें कहा गया है, ‘‘किसी अप्रिय घटना की बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने और उच्च प्रशासनिक स्तरों पर ऐहतियाती उपाय करते हुये सभी स्कूलों के प्रमुखों को हिंसा, दुर्घटना, लड़ाई, छेड़छाड़, आग, भगदड़, गंभीर जख्म, खुदकुशी का प्रयास या मौत जैसी किसी भी अप्रिय घटना के बारे में, उस समय मौजूद वरिष्ठ शिक्षा विभाग के अधिकारी को तत्काल सूचित करने का निर्देश दिया जाता है।’’
इसमें परिपत्र में आदेश दिया गया हैं कि, कुछ मामलों में स्कूल के प्रमुखों के बजाए शिक्षा निदेशालय तक घटना की जानकारी मीडिया या अन्य स्रोतों के माध्यम से सामने आती है ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट आती है जिसके कारण समय पर उपयुक्त कार्रवाई नहीं हो पाती और छात्रों के बचाव और सुरक्षा का खतरा बढ़ जाता है । कई बार यह विभागों के लिए भी शर्मिंदगी का कारण बनता है। इसलिए ऐसी सभी घटनाओं को बिना किसी देर के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह राजधानी में दूसरी कक्षा में पढऩे वाली एक लड़की के साथ कथित बलात्कार की घटना हुई थी जिससे स्कूल परिसर में छात्रों के बचाव और सुरक्षा पर बहस फिर से शुरू हो गई है। दो साल की लड़की से बलात्कार की घटना के बाद दिल्ली महिला आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर मामले का ब्यौरा मांगा था।