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पटना। पटना उच्च न्यायालय ने सोमवार को मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में कथित बलात्कार पर रिपोर्ट तैयार कर फाइल करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो को दो सप्ताह का समय दिया।
बता दें, सीबीआई ने मामले की जांच करने का जिम्मा दिया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए पटना उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि बिहार सरकार से आश्रय घर में रहने वाली बच्चियों के पुनर्वास पर ब्योरा देने के लिए कहा गया है।
उन्होंने बताया कि विशेष अदालत ने तेजी से परीक्षण करने के लिए राज्य सरकार की अपील स्वीकार कर ली है।
इस बीच, एक प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) टीम मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर द्वारा प्रकाशित जांच के लिए अख़बार के कार्यालय में भी पहुंची है। ठाकुर को राज्य पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और अब सलाखों के पीछे है। आश्रय घर उसके द्वारा चलाया जा रहा था।
इससे पहले, आज ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को राज्य में चल रहे बच्चों और महिलाओं के आश्रय घरों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया।
कुमार ने आदेश दिया कि कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आश्रय घरों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था भी की जानी चाहिए।
पिछले महीने, आश्रय घर के 11 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया था और 42 लड़कियों को बचाया गया था। अप्रैल में टीआईएसएस की एक रिपोर्ट के बाद तीन महीने पहले आश्रय गृह मामला खुलासा हुआ था कि कैदियों को कथित तौर पर यौन शोषण किया गया था।