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वाराणसी। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने एक अलग पूर्वांचल राज्य के प्रस्ताव का समर्थन किया है और कहा है कि विभाजन होने पर निरक्षरता, गरीबी और बेरोजगारी को समाप्त किया जा सकता है।
शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए राजभर ने कहा कि पूर्वांचल में लोग अलग राज्य की मांग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश इतना बड़ा है कि पूर्वांचल का विकास बिना विभाजन के संभव ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि निरक्षरता, गरीबी और बेरोजगारी यहां चरम पर हैं। ये केवल तभी समाप्त हो पाएंगे जब पूर्वांचल एक अलग राज्य बनेगा।
कुछ महीनों से, उत्तर प्रदेश के लोग राज्य को चार नए राज्यों- बुंदेलखंड, पूर्वांचल, अवध प्रदेश और पश्चिम प्रदेश में विभाजित करने के लिए का प्रस्ताव दे रहे हैं।
इससे पहले, केंद्रीय न्याय और सशक्तिकरण राज्य मंत्री रामदास आठवले ने भी कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और पूर्वांचल और विदर्भ को दो अलग-अलग राज्य बनाने के विचार पर चर्चा करेंगे।
इस बीच, राजभर ने भारत में व्यवसाय करने के लिए चीन पर बी निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि चीन ने हमारे उपभोक्ता बाजार को ले लिया है। उनके उत्पादों को पूरे देश में बेचा जाता है। चीन यहां व्यवसाय करता है और हथियार खरीदने और भारत को धमकी देने के लिए उस पैसे का उपयोग करता है। मेरा मानना है कि अगर चीन का व्यापार लाइसेंस रद्द कर दिया गया, तो करोड़ों युवाओं को यहां नौकरी मिल जाएगी।