पटना। मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम रेप में बच्चियों के साथ बलात्कार के मामले पर बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला तेज करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है। मामले को लेकर उन्होंने नीतीश कुमार के नाम एक खुले खत के जरिए जमकर निशाना साधा।
ट्विटर पर साझा किए गए अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि मुजफ्फरपुर मामले पर आपके महीनों की रहस्यमय चुप्पी देखकर खुला पत्र लिखने पर विवश हुआ हुआ हूं। यह विशुद्ध रूप से गैर राजनीतिक पत्र है, क्योंकि एक समाजिक कार्यकर्ता होने से पहले मैं सात बहनों का भाई, एक मां का बेटा और कई बेटियों व भगिनियों का चाचा और मामा हूं। बच्चियों के साथ हुई इस अमानवीय घटना से मैं सो नहीं पाया हूं। आप कैसे चुप रह सकते हैं आपसे बेहतर कौन जानता है।
नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने खत में लिखा, ‘वो बेटियां क्या बिहार की अमानत नहीं हैं? अगर वर्तमान बिहार सरकार की जिम्मेदारी नहीं है तो न ले, क्योंकि हम उसे मुर्दा मान चुके हैं। जिनका जमीर मर चुका है वो जिंदा रहकर भी क्या करेगा? मुजफ्फरपुर की यह घटना मानवीय इतिहास की सबसे क्रूरतम और शर्मनाक घटना है। संस्थागत रूप से इतना सबकुछ होता रहा, लेकिन सरकार के एक भी तंत्र और सूत्रों के कानों में जू तक नहीं रेंगी। एक प्राइवेट संस्थान ने जब इसकी रिपोर्ट दी तो 55 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. जब हमने सदन में मामला उठाया तो संसदीय मंत्री ने सदन को गुमराह किया।
राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने लिखा कि इस घटना के आरोपियों के आरोप सिद्ध होने पर उन्हें कम से कम फांसी की सज़ा होनी चाहिए। ऐसी घटना बिहार में दोबारा ना हो पाए नहीं, तो लोग बेटियों को पैदा करने से डरेंगे. क्या देश का अगला चुनाव बैलेट पेपर पर होना चाहिए?’ तेजस्वी ने कहा कि बेटियों को न्याय दिलाने के लिए सीएम को मुंह खोलना ही होगा। इसके लिए विपक्ष दबाव बनाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन के लिए रवाना होने से पहले शुक्रवार को तेजस्वी ने अपना खुला खत ट्विटर पर साझा करने के अलावा मीडिया को भी जारी किया। इसमें बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग की गलतियों को भी उजागर किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे पर सवाल उठना लाजिमी है।