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अमेरिका: असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) का ड्राफ्ट जारी होने के बाद सियासी घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस और टीएमसी समेत अन्य विपक्षी पार्टियाँ लगातार इस ड्राफ्ट का विरोध कर रही हैं और इसी बीच इस ड्राफ्ट का विरोध अमेरिका में रहने वाले भारतवंशी अमेरिकी मुस्लिमों भी होने लगा है।
दरअसल, भारतवंशी अमेरिकी मुस्लिमों के एक समूह ने असम में NRC को तत्काल ख़ारिज़ करने की माँग की है। समूह का कहना है कि जब तक NRC में बरती गई अनियमितताओं को दूर नहीं किया जाता तब तक के लिए उसे ख़ारिज़ कर दिया जाए क्योंकि इन्हीं कारणों की वजह से ही 40 लाख लोगों को ड्राफ्ट में शामिल नहीं किया जा सका है।
इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (आईएएमसी) ने कहा, “असम में मताधिकार से वंचित रहने वालों में सबसे ज्यादा बांग्ला भाषी मुस्लिम समुदाय प्रभावित हुआ है। इनपर घुसपैठिया होने का आरोप लगाया जाता है जबकि ये लोग भारतीय नागरिक हैं।” संगठन ने कहा कि नागरिकता खोने के खतरे का सामना करने वालों में भारत के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के रिश्तेदार भी शामिल हैं।
आईएएमसी के प्रेसिडेंट अहसान खान ने कहा, “दरअसल, यह लोकतंत्र को नष्ट करने की कवायद है और साफतौर से यह पक्षपात और भेदभावपूर्ण एजेंडा है। इसी वजह से भारत के पूर्व राष्ट्रपति के रिश्तेदारों को भी ड्राफ्ट में शामिल नहीं किया गया है। “