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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, केंद्र और राज्य से मांगा जवाब

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पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। देश की शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी करते हुए राज्य और केंद्र सरकार से इस मामले में विस्तृत जवाब देने को कहा है।

रेप केस पर बामदल सड़कों पर उतरे

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस के मामले में सरकार पूरी तरह से हमलावर हो गया है। आज वामदल सड़क पर उतर गया है जिसका राष्ट्रीय जनता दल समर्थन कर रहा है।

तेजस्वी बोले, नीतीश का मुंह खोलवाकर रहूंगा

नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने तो यहां तक कहा है कि इस मामले में नीतीश की चुप्पी बिना तोड़वाये दम नहीं लूंगा। इस मामले में नीतीश कुमार को अपना मुंह खोलना पड़ेगी।

जानें- क्या है मामला और कैसे हुआ खुलासा

बता दें कि इसी साल मई महीने में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के सोशल ऑडिट के दौरान मामले का खुलासा हुआ था। इस मामले में अब तक कुल 34 लड़कियों के साथ बालिका गृह में यौन शोषण की पुष्टि हुई है। साथ ही पूर्व में इस संबंध में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। शेल्टर होम से लड़कियों के गायब होने का मामला भी सामने आया था, जिसके बाद विपक्षी नेताओं ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर इस मामले के आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। इसके बाद बिहार सरकार ने अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है।

जानें- कौन है ब्रजेश ठाकुर

बृजेश के राधामोहन ठाकुर ने 1982 में मुजफ्फरपुर से एक हिंदी अखबार शुरू किया था। इस अखबार का नाम है प्रात: कमल। राधामोहन ठाकुर की पत्रकारों के बीच अच्छी पहुंच थी। बिहार में छोटे अखबारों को शुरू करने वाले शुरुआती नामों में से एक नाम राधामोहन ठाकुर का भी था। धीरे-धीरे राधामोहन ठाकुर ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर अपने अखबार के लिए सरकारी विज्ञापन लेने शुरू कर दिए।

इन विज्ञापनों से राधामोहन ठाकुर ने खूब पैसे बनाए और फिर उसे रियल स्टेट में लगा दिया। वो रियल स्टेट का शुरुआती दौर था, तो राधामोहन ठाकुर ने इससे भी खूब पैसे बनाए। जब पिता की मौत हो गई, तो विरासत संभालने का जिम्मा आया ब्रजेश ठाकुर पर। पैसे पहले से ही थे और पिता का रसूख भी था। इसलिए ब्रजेश के हाथ में कमान आते ही उसने रियल स्टेट के कारोबार से एक कदम आगे बढ़कर राजनीति में हाथ आजमाना शुरू कर दिया।

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