गुवाहाटी। असम के नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) के ड्राफ्ट पर विपक्ष के जोरदार विरोध के बाद असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने गुरुवार को आश्वासन दिया कि जो भी भारतीय है उसका नाम निश्चित रूप से अंतिम सूची में मिलेगा।
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक विशेष साक्षात्कार में मुखी ने कहा कि एनआरसी का मसौदा असम के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक घटना है, क्योंकि यह राज्य और असम समझौते के मुताबिक लोगों की इच्छाओं के अनुसार करवाया गया है। लेकिन कई लोगों की नाम एनआरसी में छूट गया है। मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो भी भारतीय है, उसका नाम निश्चित रूप से अंतिम एनआरसी रिपोर्ट में जरूर होगा।
एनआरसी ड्राफ्ट जो 30 जुलाई को जारी किया गया था, उसमें असम में रहने वाले लगभग 40 लाख लोगों का नाम नहीं शामिल किया गया। जिसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए। उसके बाद से विपक्ष इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर आरोप लगा रहा है।
जिन लोगों का नाम शामिल नहीं किया गया है। उस पर राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि केंद्र को राज्य में रहने वाले विदेशियों के बारे में जानने का पूरा अधिकार है।
लेकिन सरकार आश्वस्त करती है कि प्रत्येक भारतीय का नाम अंतिम एनआरसी रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा और राज्य के हर नागरिक को सुरक्षा की गारंटी होगी। अगर इसी तरह से हर राज्य में एनआरसी तैयार करवाया जाए तो यह बहुत अच्छा होगा। अन्य राज्यों को भी एनआरसी तैयार करना चाहिए। इसके साथ उन्हें हर जनगणना के साथ अपडेट भी करना चाहिए। इससे देश में पूर्ण प्रमाण सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
पहला मसौदा 31 दिसंबर, 2017 को प्रकाशित किया गया था, और 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ के नाम शामिल किए गए थे।
एनआरसी ड्राफ्ट में सभी भारतीय नागरिकों के नाम, पते और तस्वीरें शामिल हैं, जो 25 मार्च, 1971 से पूर्वोत्तर राज्य में रह रहे हैं।