
उतराखंड में न्यायलय ने आदेश दिया था कि सरकार को देहरादून शहर को अतिक्रमण से मुक्त कराना है और इस अदेश की सीमा भी खत्म हो चुकी है। हाईकोर्ट के आदेश पर देहरादून के फुटपाथ और सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने का काम पूरी तेजी से शुरू हुआ लेकिन कार्य जितनी तेजी से शुरू हुआ था, उतनी ही तेजी से देहरादून के बीचोंबीच घंटाघर स्तिथ बीएसएनएल दफ्तर के बाहर सजी अतिक्रमण वाली दूकानों पर आकर अचानक धीमा पड़ गया।
जानकारी लेने पर पता लगा की यह दूकानें सुनील उनियाल गामा की हैं, यह वही सुनील उनियाल गामा हैं, जो दिन-रात मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ साय की तरह हर सरकारी और गैरसरकारी कार्यक्रम में नजर आते हैं। आज तक हमेशा चुनाव में मात खाने वाले सुनील गामा कुछ दिनों पहले तक शाम को अपनी इन्हीं दुकानों में बैठकर लोगों को चाउमिन और मोमो खिलाते थे।
पर अब त्रिवेंद्र रावत, सुनील गामा को सारे पेतरें आजमा कर देहरादून का मेयर बनाने को आतुर हैं। यही वजह है कि मेयर सीट का आरक्षण भी सामान्य कर दिया गया है। बरहाल सरकार ने अपनापन दिखाते हुए सुनील उनियाल की दूकानें नही हटाई हैं। अब देखना होगा कि सरकार न्यायालय में इसका क्या जवाब दे पाती है।