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कोर्ट ने सुनाई हार्दिक पटेल को 2 साल की सजा, आरक्षण की मांग को लेकर किया था आंदोलन

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आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को 2015 के मेहसाणा दंगा मामले में दोषी करार दिया गया है। साथ ही सरदार पटेल ग्रुप के लालजी पटेल और ऐके पटेल को भी विसनगर कोर्ट ने 2 साल कि सजा सुनाई है। हार्दिक पटेल समेत दोनों लोगों पर आग लगाने और तोड़फोड़ का आरोप लगा था।

आपको बता दें, कि इस मामले में विसनगर कोर्ट ने 17 आरोपियों में से सिर्फ इन लोगों को 3 लोगों को दोषी ठहराया है, वहीं 14 लोगों को बरी कर दिया गया। आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की पहली घटना 23 जुलाई 2015 को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में हुई थी।

2015 का वो समय था, जब गुजरात में आरक्षण की मांग को लेकर हार्दिक पटेल के पाटीदार सड़क पर आंदोलन करा था और जगह-जगह आग लगाने व तोड़फोड़ की घटनाएं अपने चरम पर थी। इसी दौरान बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर पर हमला किया गया। इस हमले को लेकल हार्दिक पटेल और लालजी पटेल पर आरोप लगाया गया था। जिसके बाद कोर्ट ने दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, हालांकि 5000 के मुचलके पर हार्दिक को जमानत मिल गई थी।

कौन है हार्दिक पटेल

हार्दिक पटेल गुजरात के कड़ी तालुका के भाजपा कार्यकर्ता भरतभाई पटेल का बेटा है। दार्दिक ने अहमदाबाद के सहजानंद कॉलेज से स्नातक किया है।

गुजरात में आबादी का पांचवां हिस्सा पटेल समुदाय का है। पटेल समुदाय आरक्षण और ओबीसी दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर ही साल 2015 इस आंदोलन की कमान नई पीढ़ी के हार्दिक पटेल ने सम्भाली थी। लेकिन उसी दौरान आरक्षण की मांग के अंदोलन ने हिंसा का रूप ले लिया था।

25 अगस्त से हड़ताल पर बैठने वाले है हार्दिक

बता दें, हार्दिक पटेल ने हाल ही में फिर से आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन ही नहीं, इस बार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने की भी घोषणा की है। उन्होंने दावा किया है, कि वह पाटीदारों के आरक्षण के लिए भूख हड़ताल करेंगे और यह भूख हड़ताल आरक्षण मिल जाने के बाद ही खत्म होगी।

हार्दिक पटेल ने फेसबुक लाइव के लोगों के सवालों का जवाब देते हुए भूख हड़ताल करने का ऐलान किया। हार्दिक ने कहा कि अब ‘आर या पार’ की लड़ाई का वक्त आ गया है, उन्होंने कहा कि पाटीदारों को आरक्षण, बेरोजगारी और किसानों की समस्या उनकी प्राथमिकताएं है।

बता दें, कि 25 अगस्त को पाटीदार क्रांति रैली केोतीन साल पूरे हो जाएगे। तीन साल पहले जब पहली बार पाटीदार समाज आरक्षण की मांग के लिए सड़कों पर उतरा था, तो उनके खिलाफ पुलिस प्रशासन ने बंदूकों और लाठियों का जमकर इस्तेमाल किया था। जिसमें 9 लोगों की मौत हुई थी। मौत से गुस्साए पाटीदारों ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जमकर बुराई की थी।

अब एक बार हार्दिक पेटल के पाटीदार समुदाय अपनी वर्षों पुरानी मांग को लेकर आंदोलन के मूड में है।

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