अविश्वाश प्रस्ताव के दौरान संसद भवन में राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को गले लगाने और आखों के ज़रिये किये गए इशारे देश में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बने हुए हैं। ऐसे बलिया के के एक सैंड आर्टिस्ट ने रेत के जरिये कलाकृति बना कर पूरी घटना को जीवंत कर दिया। आर्थिक तंगी से जूझते इस हुनरमंद सैंड आर्टिस्ट का कहना है की देश के विकास में पक्ष और विपक्ष मिलकर काम करें तो देश की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल जाएगी।
विपक्ष द्वारा अविश्वाश प्रस्ताव लाये जाने के दौरान जिस तरह राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को गले लगाया और थोड़ी ही देर बाद आँखों का इशारा किया वो इस समय देश में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना। बलिया के बांसडीह तहसील अंतर्गत राजागाव खरौनी के रहने वाले सैंड आर्टिस्ट रुपेश सिंह ने रेत से इस पूरी घटना की कलाकृति बना दी। रुपेश के इस हुनर को हर किसी ने अपनी दांतों तले उंगली दबा ली।
आर्थिक तंगी से जूझते रुपेश ने कभी हार नहीं मानी और अपनी कला के ज़रिये नई – नई कलाकृतियों को बनाकर अपने हुनर का प्रदर्शन करते रहते है। काशी विद्यापीठ से फाइनआर्ट कर रहे रुपेश रेत से दुनिया की सबसे बड़ी कलाकृति बनाकर विश्व रिकार्ड बनाना चाहते है। ऐसे में रुपेश का कहना है की अगर सरकार उन्हें आर्थिक मदद करे तो वो दुनिया के सामने भारत का नाम रौशन करेंगे।
प्रतिभाएं सिर्फ शहरों में ही नहीं गावों में भी होती है बशर्ते गावं की प्रतिभाएं कई बार अवसर ना मिलने के कारण आगे नहीं बढ़ पाती। रुपेश की काबिलियत और हुनर देखकर गावं वाले भी खुश है। ग्रामीणों को रुपेश की कला पर गर्व है क्योंकि मुट्ठियों से सरक जाने वाली रेत को चुटकियों से कलाकृति में बदलने का हुनर रुपेश की काबिलियत को साबित करता है।
हिंद न्यूज टीवी के लिए बलिया से अमित कुमार