वाशिंगटन डी.सी.। संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को अपने ईरानी समकक्ष हसन रूहानी को चेतावनी दते हुए कहा कि कभी भी संयुक्त राज्य अमेरिका को धमकी न दें।
ईरानी राष्ट्रपति ने तेहरान के खिलाफ शत्रुतापूर्ण नीतियों का पीछा करने के बारे में अमेरिका को चेतावनी देने के कुछ घंटे बाद राष्ट्रपति ट्रम्प पर टिप्पणी की।
उनकी बात का उचित जवाब देते हुए राष्ट्रपति ट्रम्प ने ट्विटर पर ईरानी राष्ट्रपति रूहानी के लिए लिखा कि कभी भी, कभी भी संयुक्त राज्य को फिर से कभी धमकी न दें, नहीं तो आपका भी हश्र नही होगा जिसकी चर्चा पहले इतिहास में हुआ करती थी। हम ऐसे देश नहीं जो बहुत ज्यादा समय तक आपके हिंसा और मौत जैसे शब्दों पर बहुत अधिक विचार करेंगे। सावधान बरतें।
सीएनएन की रिपोर्ट में ईरान द्वारा संचालित समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, रविवार को तेहरान में राजनयिकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रूहानी ने कहा था कि अमेरिकियों को यह समझना चाहिए कि ईरान के साथ युद्ध सभी युद्धों की जन्म दे सकता है।
हालांकि, उन्होंने शांति समझौते की संभावना से इंकार नहीं किया और कहा कि “ईरान के साथ शांति से हर जगह शांति स्थापित की जा सकती है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि ऱेस की पूंछ पकड़ने की कोशिश न करें, नहीं तो पछताना होगा।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने अमेरिका की संयुक्त व्यापक योजना (जेसीपीओए) या ईरान परमाणु समझौते से अमेरिकी वापसी की घोषणा के कुछ महीनों बाद ये टिप्पणियां आई हैं, जो प्रतिबंधों के राहत के बदले देश के यूरेनियम संवर्द्धन को सीमित करती हैं।
इस समझौते को “शर्मिंदगीपूर्ण” बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके जड़ में ही दोष था। उसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने गंभीर परिणामों की चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि ईरान चाहे तो अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू करता है।
देश के परमाणु कार्यक्रम की सीमाओं के बदले में तेहरान पर आर्थिक प्रतिबंधों को उठाने के लिए 2015 में ईरान, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, रूस, फ्रांस और चीन में छह देशों के बीच ईरान परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।