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जगदलपुर। बस्तर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद दिनेश कश्यप ने कहा कि लोग, विशेष रूप से आदिवासी, जो अपने धर्म को परिवर्तित करते हैं, उनको सरकारी सुविधाओं के लाभों से वंचित रखा जाना चाहिए।
कश्यप ने यहां एक रैली में कहा कि धर्मांतरण एक बड़ी समस्या है। वे आदिवासी, जिन्होंने अपने धर्म को परिवर्तित किया है, उनको विभिन्न सरकारी सुविधाओं के लाभों का लाभ उठाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
बाद में, एएनआई से बात करते हुए कश्यप ने अपने बयान को उचित ठहराया और कहा कि यह मेरी खुद की सोच है। जो लोग अपने धर्म को परिवर्तित करते हैं उन्हें सरकारी सुविधाओं से रोक दिया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि इसका पालन किया जाना चाहिए। अगर इस तरह के नियम को अमल में लाया जाये तो इस तरह के मामलों में कमी आएगी।
यह झारखंड पुलिस की उस कार्रवाई के बाद दिया गया बयान है, जिसमें झारखंड पुलिस ने इस हफ्ते के शुरू में स्थानीय निवासियों को ईसाई धर्म में बदलने की कोशिश करने के लिए 16 प्रचारकों को गिरफ्तार कर लिया था।
सभी 16 लोगों को धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत बुक किया गया था, जो पिछले साल लागू हुआ था।
आपको बता दें, भारतीय जनता पार्टी के कई सांसद आजकल इसी तरह का उल्टा-पुल्टा बयान दे रहे हैं। पिछले हफ्ते ओडिशा के सुंदरगढ़ से सांसद ओराम ने आदिवासियों से कहा कि आप भी विजय माल्या की तरह बैंकों से कर्ज लेकर स्मार्ट बनें, क्योंकि वह बहुत ही स्मार्ट हैं। आप कर्ज लेकर उद्यमी बन सकते हैं। हालांकि, जब उनके इस बयान की निंदा होने लगी तो उन्होंने अपनी गलती पर माफी मांग ली, लेकिन ओराम के इस बयान पीएम मोदी की करप्शन के खिलाफ जंग को पलीता लग गया। पीएम कहते हैं कि करप्शन के खिलाफ हम जीरो टालरेंस पर काम कर रहे हैं। वहीं उनकी ही पार्टी के सांसद भरी सभा में लोगों को करप्शन करते हुए उकसाते हुए सुने जा रहे हैं।