बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक बेहद चौकाने वाला मामला सामने आया है। बरेली के जिला अस्पताल में डॉक्टरों को रिश्वत देने में नाकाम रहने के बाद इलाज के अबीव में 10 वर्षीय लड़के की मौत हो गई। रिश्वत नहीं देने के कारण डॉक्टरों ने बच्चे का इलाज करने करने से इनकार कर दिया था।
डॉक्टरों ने बच्चे के इलाज के लिए 10,000 रुपये की मांग की थी।
बदायूं जिले के बाला किशनपुर गांव के निवासी 10 वर्षीय दीनदयाल बुखार से पीड़ित था। उसकी हालत खराब होने के बाद बादायूं जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे बरेली जिला अस्पताल भेज दिया।
बालपाल के अनुसार, धर्मपाल, अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें दुर्व्यवहार किया और इलाज के लिए रिश्वत की मांग की।
बच्चे के पिता धरमपाल ने कहा कि अस्पताल पहुंचने पर हमारे साथ दुर्व्यवहार किया गया। डॉक्टरों ने इलाज के लिए 10,000 रुपये की मांग की और नर्सों ने 500 रुपये मांगे।
दीनदयाल का इलाज करने से इंकार कर दिया गया, क्योंकि उनके पिता ने डॉक्टरों को रिश्वत देने में नाकाम रहे, जिसके बाद दीनदयाल की हालत बेहद नाजुक होती चली गई। तब उसे लखनऊ भेजा गया और पांच घंटे बाद बच्चे की मौत हो गई।
पीड़ित के पिता ने आगे आरोप लगाया कि एम्बुलेंस मिलने में भी काफी देरी हुई। एंबुलेंस पांच घंटे की देरी से मिली, जिसके कारण उसके बेटे की मौत हो गई।
धर्मपाल ने बरेली जिला अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है।
पुलिस अधीक्षक अभिनंद सिंह ने कहा कि पोस्ट-मॉर्टम किया गया है। हमने एक मामला दर्ज किया है और डॉक्टरों और नर्सों के खिलाफ जांच शुरू की है।
10 वर्षीय बच्चे को 12 बजे बरेली अस्पताल ले जाया गया और 4 जुलाई को दोपहर 2 बजे मृत्यु हो गई।
करप्शन पर जीरो टालरेंस वाली सरकार इस मामले में क्या करती है। उत्तर प्रदेश सरकार कहती है कि भ्रष्टाचारियोंं के खिलाफ सख्त कार्वाई की जाएगी। अब देखना यह है कि योगी सरकार इस मामले में क्या करती है?