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बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ने के साथ ही जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन की मांग कि थी। तब सबको लगा था बीजेपी ने कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़कर सेल्फ गोल किया हैं। लेकिन बीजेपी ने कश्मीर के लिए कुछ और ही सोच रखा है, इसका आंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं घाटी में आतंकवादियों के खात्मे के लिए एनएसजी के कमांडो की तैनाती की जा रही है, साथ ही अलगाववादी नेताओं पर नकेल कसी जाए इसका भी खाका तैयार किया जा चुका हैं। इसी के फलस्परूप अलगाववादी नेता यासिन मलिक को हिरासत में ले लिया गया है, वहीं मीरवाइज को नजरबंद किया जा चुका हैं।
घाटी में एनएसजी की तैनाती
केंद्र सरकार नें अब घाटी में आतंकविरोधी ताकतों से आर पार कि लड़ाई लड़ने का शायद मन बना लिया हैं तभी तो घाटी में ‘ब्लैक कैट’ कमांडो के एक दस्ते को कश्मीर के लिए रवाना किया गया हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि घाटी में एनएसजी कमांडो की तैनाती के बाद से आतंकविरोधी अभियानों को और मजबूती मिलेगी। वहीं कश्मीर में ‘ब्लैक कैट’ की तैनाती पर सरकार का कहना हैं कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले के अलर्ट के मद्देनजर नैशनल सिक्यॉरिटी गार्ड्स (एनएसजी) का एक जत्था कश्मीर भेजा गया हैं।
अलगाववादियों पर बढ़ी सख्ती
जम्मू-कश्मीर मे अलगाववादियों पर सख्ती बढ़ा दी गई है। इसी सिलसिले में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में लेने के बाद हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मीरवाइज उमर फारूक को भी नजरबंद कर दिया गया है। अलगाववादी नेताओं को घाटी में विरोध-प्रदर्शनों की अगुवाई से रोकने के लिए ये कदम उठाए गए हैं।
यासीन मलिक को गुरुवार सुबह उनके मैसूमा स्थित आवास से हिरासत में लिया गया। उन्हें कोठीबाग स्थित पुलिस थाने में रखा गया है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी भी नजरबंद हैं।
बीजेपी ने पीडीपी के समर्थन वापस लेने के हुई प्रेस काफ्रेंस में कहा था घाटी में आंतकवाद अपने चरम पर हैं, ऐसे में घाटी में हुई एनएसजी की तैनाती और अलगाववादियों कि गई सख्ती को एक साथ जोड़कर देखा जा रहा हैं। और ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में घाटी में कुछ बड़ा ऐलान हो सकता हैं। साथ ही सरकार अपने ऑपरेशन ऑल आउट को और जोर देने वाली हैं।