इधर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजित डोभाल समेत जम्मू-कश्मीर के बीजेपी नेताओं के साथ मुलाकात की और उधर इस मुलाकात के बाद BJP ने PDP से गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया। ऐसे में अब सवाल उठता है कि अब आगे क्या होगा। क्या जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगेगा या फिर कोई और विकल्प तलाशा जाएगा। चलिए जानने की कोशिश करते हैं।
राष्ट्रपति शासन लगना तय!
बीजेपी के समर्थन लेने के बाद आज शाम जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुप्ती अपने पद से इस्तीफा देगी। वहीं बीजेपी ने राज्यपाल को समर्थन वापसी की चिट्ठी भी सौंप दी है। ऐसे में अब जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगना लगभग तय है।
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अब होगा आतंकवाद का सफाया
दरअसल, मिली जानकारियों के मुताबिक, केंद्र सरकार चाहती थी कि जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर आतंकवाद का सफाया किया जाए, जिसमें कहीं न कहीं राज्य सरकार अड़चन बन रही थी। वहीं इसके बाद बीजेपी ने ये फैसला लिया। ऐसे में केंद्र सरकार की मंशा वहां पर राष्ट्रपति शासन लगवाकर आतंकवाद का सफाया करने की हो सकती है। हालांकि, बीजेपी ने अपना समर्थन वापस लेने की चिट्ठी राज्यपाल को सौंप दी है और वहां राज्यपाल शासन लगाने की मांग भी की है।
कुछ ऐसा कहना है बीजेपी का
वहीं गठबंधन टूटने के बाद सवाल ये भी उठता है कि आखिर पिछले 3 सालों से चला आ रहा गठबंधन अचानक कैसे टूट गया। इस पर बीजेपी नेता राममाधव का कहना है कि जिन मुद्दों को लेकर सरकार बनी थी, उन सब बातों पर चर्चा हुई है। कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर में स्थिति काफी बिगड़ गई है, जिसके कारण हमें ये फैसला लेना पड़ा है। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम, अमित शाह समेत राज्य नेतृत्व से बात की है।