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दिल्ली में सड़को पर नहीं एसी रूम में धरना दे रही हैं राजनीतिक पार्टियां

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दिल्ली के अंदर पानी की कमी इतनी होने वाली हैं की आने वाले दिनों में शायद दिल्ली वालों को पानी के लिए मोहताज होना पड़े। आगर हालात ऐसे ही बने रहे तो  30 जून के बाद से दिल्ली में पानी के लाले पड़ सकेत हैं। साथ ही दिल्ली की आवो हवा इतनी साफ है की अगर कोई व्यक्ति उसमें खुल कर सांस ले तो फिर उसे अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ेंगे। इन दोनों के बीच दिल्ली की राजनीती जो कभी सड़को पर होती थी, हड़ताल से लेकर प्रदर्शन तक दिल्ली की सड़को तक होते थे, आज वो एसी के बंद कमरों में हो रहे हैं, और दिल्ली की जनता सड़कों पर पीस रही हैं।

बीते 6 दिनों से दिल्ली कैबिनेट के मंत्रीयो के साथ साथ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया धरने पर बैठे हैं। धरना किसी रोड़ या किसी मैदान में नहीं बल्कि राज्यपाल हाउस के बेंटिग रूम में हो रहा हैं, जहा आराम फरमाने के लिए सौफा है, गर्मी ने लगे इसके लिए एसी का इंतजाम हैं, साफ आवों हवा हैं। और एक तरफ दिल्ली के वो लोग हैं, जिन्होने  इन्हें चुन कर भेजा हैं वो हैं दिल्लीवासी। आज वहीं दिल्ली वासी पानी के लिए एक दुसरे को मार रहे हैं। ताजा मामला संगम विहार से आया हैं।  दिल्ली की हवा बीते सोमवार से खराब हैं। एलजी हाउस मीटिंग करता हैं तो इसमें अधिकारी मौजूद दिखते है, लेकिन जब दिल्ली सरकार की कैबिनेट उसी समस्या पर मीटिंग बुलाती हैं तो वो इसमें शामिल तक नहीं होते कुछ ऐसा ही आरोप आम आदमी पार्टी के नेता अभी इस समय आरोप लगा रहे हैं, दिल्ली के आईएस अधिकारीयों पर, लेकिन जब उनसे दिल्ली में चल रहे फाइव स्टार धरने पर सवाल किया जाता हैें तो वो चुप हो जाते हैं या फिर उलठा आपसे ही सवाल दाग देते हैं।

विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी ने भले ही भारत की 60 प्रतिशत की आबादी पर अपना कब्जा कर रखा हों लेकिन दिल्ली में उनके विधायकों को तो आप ऊगली पर गिन सकेंगे। लेकिन वो भी उसी एलजी हाउस में धरने पर बैठ गयी जिस एलजी हाउस में केजरीवील एंड कंपनी धरने पर बैठी है। इस सब के बीच अगर कोई इसली कीमत चुका रहा हैं तो वो है, दिल्ली की आम आदमी जिसको लेने के लिए साफ हवा, पीने के लिए पानी जैसी बुनियादी चीजे तक नसीब नहीं हो रही है।

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