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मध्य प्रदेश से आई एक खबर ने सबके कान खड़े कर दिए हैं। हमेशा सुर्ख़ियों में रहने वाले मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के हाईप्रोफाइल संत भय्यू महाराज द्वारा खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। इस घटना से हड़कंप मच गया है। उन्हें बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया और बताया जा रहा है कि अस्पताल लाने से पहले ही उनकी मौत हो गई थी। पुलिस की एफएसएल टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। बड़ी संख्या में उनके अनुयायी बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंच गए हैं।
उन्होंने अपनी दाहिनी कनपटी पर गोली मारी है। इंदौर में सिल्वर स्प्रिंग स्थित घर पर पुलिस ने इसकी पुष्टि की है। एसपी अभी घर के लिए रवाना हुए हैं। बताया जा रहा है कुछ दिनों से वो डिप्रेशन में थे, इसके पीछे पारिवारिक कलह बताई जा रही है। वहीं पुलिस अफसर जयंत राठौर का कहना है कि भय्यू महाराज को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, अभी कुछ और नहीं कह सकते हैं। उन्होंने खुद को सिर में गोली मार दी थी।
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। उनकी पत्नी माधवी का दो साल पहले निधन हो चुका है। 30 अप्रैल 2017 को शिवपुरी की डॉ. आयुषी से उन्होंने दूसरी शादी की थी। साल भर पहले ही दूसरी शादी के बाद इस खबर से पूरा देश आश्चर्य में पड़ गया है। 1968 को जन्मे भय्यू महाराज का असली नाम उदयसिंह देखमुख है। वे शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते है।
उनका कई हाईप्रोफाइल लोगों से संपर्क रहा है। वे चर्चा में तब आए जब अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने अपना दूत बनाकर भेजा था। बाद में अन्ना ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था। पीएम बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे। तब उपवास खुलवाने के लिए उन्होंने भय्यू महाराज को आमंत्रित किया था।
महाराष्ट्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संत भयुजी महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश ने एक ऐसे व्यक्ति को खो दिया है जो संस्कृति, ज्ञान और निःस्वार्थ सेवा का संगम था।
कांग्रेसी नेता मणक अग्रवाल का कहना है कि सरकार ने विशेषाधिकार स्वीकार करने और सरकार का समर्थन करने के लिए उन पर दबाव डाला था, जिसे उन्होंने करने से इनकार कर दिया था। वह बहुत सारे मानसिक दबाव में थे। इसकी सीबीआई जांच की जानी चाहिए।