You are here
Home > breaking news > RSS कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी के भाग लेने से देश में पैदा होगा मतभेद: वीरप्पा मोइली

RSS कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी के भाग लेने से देश में पैदा होगा मतभेद: वीरप्पा मोइली

RSS कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी के भाग लेने से देश में पैदा होगा मतभेद: वीरप्पा मोइली

Share This:

नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जाने से देश में एक मतभेद पैदा होगा।

मोइली ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि आरएसएस कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति के भाग लेने से एक मतभेद पैदा होगा जो देश के लिए उचित नहीं है।

आरएसएस ने मुखर्जी को अपने समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है और 7 जून को पूर्व राष्ट्रपति नागपुर में सालाना आरएसएस मुख्यालय में आयोजित तीसरे वर्ष संघ शिक्षा वर्गा (एसएसवी) को संबोधित करेंगे।

कई कांग्रेस नेताओं ने उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

स्वयंसेवक जो पहले और दूसरे वर्ष के प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेते हैं, वे अंतिम वर्ष शिविर के लिए योग्य हैं, और बाद में पूर्णकालिक आरएसएस प्रचारक बन सकते हैं।

इससे पहले महात्मा गांधी, पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन, लोकनायक जयप्रकाश नारायण और भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ, केएम करियपप्पा आरएसएस के विभिन्न कार्यक्रमों में अतिथि के तौर पर भाग ले चुके हैं।

आपको बता दें, वीरप्पा मोइली पहले कांग्रेस नेता नहीं है जिन्होंने इस तरह की बात कही है। इसके पहले जयराम रमेश ने पत्र लिखकर प्रणब मुखर्जी से यह कह चुके हैं कि वे अपने फैसले पर फिर से विचार करें। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने अनुरोध किया था कि वे आरएसएस के कार्यक्रम में जाकर उनको नसीहत दें।

गौरतलब है कि प्रणब दा राष्ट्रपति बनने से पहले कांग्रेस के वऱिष्ठ नेता थे, और कांग्रेस पार्टी की सरकार में कई वरिष्ठ पदों को सुशोभित कर चुके हैं। इसके अलावा मनमोहन मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री रह चुके हैं। स्व. राजीव गांधी की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और स्व. इंदिरा गांधी के साथ भी काम कर चुके हैं। प्रणब दा के आरएसएस कार्यक्रम में जाने से कांग्रेस को अच्छा नहीं लग रहा है कि कोई कांग्रेस संघ के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हो, क्योंकि कांग्रेस हमेशा आरएसएस की विचारधारा का विरोध करती रही है।

Leave a Reply

Top