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इंस्पेक्टर बनने की चाह ने पहुंचा दिया जेल

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कम उम्र में कंधे पर तीन स्टार लगाकर, पुलिस की वर्दी पहने इन दोनो को देखने पर पता नहीं चलेगा की यह नकली इंस्पेक्टर हैं। लोेकिन  चारबाग स्टेशन पर  पुलिस वालों को  इन्हे देखकर कुछ शक हुआ। इसपर उनसे पूछताछ हुई तो दोनो ने बताया कि उनका चयन साधे इंस्पेक्टर के लिए हुआ है। चिड़ियाघर ड्यूटी के लिए जाना है। मामले की जानकारी सीओ जीआरपी अमिता सिंह को दी गई। सीओ पहुंची तो पता चला कि दोनो फर्जी इंस्पेक्टरों को ठगी का शिकार बनाया गया है।

चारबाग स्टेशन पर खाकी वर्दी पहनकर एक युवक और एक युवती रिक्शा वाले से चारबाग जाने का पता पूछ रहे थे। उनकी कम उम्र के कारण जीआरपी सिपाहियों को शक हुआ। इंस्पेक्टर नित्यानंद सिंह ने दोनो से पूछताछ की। इस बीच सूचना मिलते ही सीओ अमिता सिंह भी आ गईं। सीओ ने दोनो से जब पूछा तो पता चला कि युवक अजय प्रकाश (21) कौशाबी के पश्चिम सरीरा स्थित थाना चरवा के अरई सुमेरपुर का रहने वाला है। वह बीएससी पास है। जबकि उसके साथ कौशाबी के ही पूरब सरीरा की रहने वाली बीए पास कलावती (21) थी। अजय प्रकाश ने बताया कि कौशाबी में कुछ लोग पुलिस में इंस्पेक्टर बनाने के लिए युवकों से रुपये ले रहे हैं। उनसे ही संपर्क किया गया। अजय प्रकाश ने पाच लाख और कलावती ने चार लाख रुपये दिए थे। इन दोनो को कोई ट्रेनिंग भी नहीं करायी गयी। बस पुलिस भर्ती बोर्ड का एक फार्म भरवाया गया। कौशाबी में ही दोनो को बताया गया कि वह इंस्पेक्टर बन गए हैं। उनकी तैनाती लखनऊ के चिड़ियाघर में की गई है। दोनों को वर्दी सिलाकर बैच, बेल्ट और सितारा लगाकर लखनऊ भेजा गया। यहा जब वह नरही जाने के लिए रिक्शा ढूंढ रहे तो पकड़ लिये गए। सीओ जीआरपी अमिता सिंह ने बताया कि फिलहाल मामले की तफ्तीश की जा रही है। फर्जी तरीके से वर्दी पहनने के आरोप में इन दोनों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

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