ढाका। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) ने अगस्त 2017 में 99 हिंदू नागरिकों की हत्या की थी।
अपने चेहरों पर मास्क लगाकर एआरएसए के लड़ाकों ने 25 अगस्त के सुबह ही 30 सुरक्षा बलों ने उत्तरी राखीन राज्य में एक आर्मी बेस पर मिलकर हमलों की शुरूआत के बाद खा मंग सेक नामक एक दूरस्थ गांव के पास कई हिंदुओं की हत्या कर दी। एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा जारी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आठ हिंदू महिलाओं समेत उन गवाहों के बयान का बयान भी लिया, जिन्होंने यह बताया कि एआरएसए के लड़ाकों ने उनका अपहरण कर लिया था और जबरन इस्लाम धर्म कुबूल करवाया था।
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, एमनेस्टी इंटरनेशनल के पास इस बात के दस्तावेज हैं कि उसने 26 अगस्त को मुंगदा शहर के पास रोहिंग्या मुस्लिम सशस्त्र समूह से इन विद्रोहियों द्वारा छह हिंदुओं की हत्या की गई।
एआरएसए नेता, अता उल्लाह ने पहले कहा था कि वह रोहिंग्याओं के अधिकारों के लिए लड़ रहा है।
गौरतलब है कि रोहिंग्या म्यांमार में एक मुस्लिम अल्पसंख्यक जातीय समूह हैं, जिन्हें बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों के रूप में माना जाता है।
पश्चिमी म्यांमार में हिंसा में वृद्धि के कारण, 700,000 से अधिक रोहिंग्या पिछले साल अगस्त के शुरुआत में किये गये एक क्रूर म्यांमार सैन्य अभियान की डर से भाग गए और वर्तमान में बांग्लादेशी शरणार्थी शिविरों में शरण लिए हुए हैं। उन्होंने हत्या और बलात्कार का आरोप सुरक्षा बलों पर भी लगाया।