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देश में वेद आधारित शिक्षा हो-स्वामी अग्निवेश

देश में वेद आधारित शिक्षा हो-स्वामी अग्रिवेश

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जींद। बंधवा मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामीअग्निवेश ने कहा कि भाजपा सरकार को देश की सत्ता संभाले हुए चार साल हो गए हैं लेकिन,अबतक भी सरकार द्वारा शिक्षा नीति लागू नहीं की गई है। यह सरकार की सबसे बड़ी गलती है और इसी गलती का फायदा उठा कर देश तथा प्रदेश में निजी स्कूलों के नाम पर शिक्षा उद्योग खुल गए हैं। अब समय आ गया है कि देश में वेद आधारित शिक्षा हो और इसी को लेकर गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार में छह से आठ जुलाई तक अंतरराष्ट्रीय गुरुकुल सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।

इस सम्मेलन के माध्यम से देश में शिक्षा बदलाव की एक लहर की शुरूआत होगी। स्वामी अग्रिवेश सोमवार को एक निजी होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अलग तरह का भ्रष्टाचार था। उस समय 2G और 3G जैसे घोटाले होते थे लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार में यह भ्रष्टाचार कई सौ गुणा आगे बढ़ गया है। अब बड़े-बड़े उद्योगपति देश का अरबों रुपया लेकर आसानी से फरार हो जा रहे हैं और सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे किसानों को कर्ज वसूली के लिए उनकी जमीन नीलामी के नोटिस तक भेजे जा रहे हैं और उनके कर्ज तक माफ नहीं हो रहे हैं। जिसके चलते देशभर में लगभग साढ़े तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं।  किसानों के हित के लिए जिस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू किए जाने को लेकर भाजपा ने सत्ता संभाली थी उसी आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं किया गया है। जिसके चलते साल दर साल किसान कर्ज में डूबता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि देश का काला धन वापस लाया जाएगा लेकिन नोटबंदी लागू कर देश के काले धन को गौरा करने का काम किया गया है। न तो देश से आज तक काला धन आया और न ही देश में मौजूद काले धन को पकड़ा जा सका। नोटबंदी की सबसे बड़ी मार केवल आम आदमी और किसान वर्ग ने ही झेली है। इसके अलावा जीएसटी कानून से तो हर वर्ग परेशान हो गया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव में भाजपा का चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो गया है। देश के प्रधानमंत्री जहां नैतिक मूल्यों की बात करते थे वहीं अब भाजपा अनैतिक मूल्यों की दुकान बन कर रह गई है। देश के लोगों का अब भाजपा से विश्वास उठ गया है। अब अगर देश में विपक्ष एकजुट हो जाए तो वो दिन दूर नहीं जब भाजपा को सत्ता से दूर होना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि देश में लगातार शिक्षा का स्तर गिरता चला जा रहा है। निजी और सरकारी स्कूलों के बीच में खाई भी बढ़ती जा रही है। जिससे मानव संस्कारों का हृास हो रहा है। इसके अलावा सरकारीकरण समाप्त हो रहा है और शिक्षा के क्षेत्र में निजीकरण बढ़ रहा है। ऐसे में शिक्षा नीति में बदलाव समय की मांग बन गई है। सरकार को अगर शिक्षा को बचाना है तो ठोस निर्णय लेने होंगे जिसके तहत संतरी से लेकर मंत्री तक के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाया जाना अनिवार्य करना होगा। अगर ऐसा हो जाएगा तो सरकारी स्कूलों का स्तर अपने आप अच्छा होता चला जाएगा। स्कूलों में वेद तथा संस्कार आधारित शिक्षा देनी होगी।

हिन्द न्यूज के लिए चंडीगढ़ से अभिषेक

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