
गर्मी का मौसम शुरू होते ही जहां पानी का संकट गहराने लगता है वहीं कुछ लोगों पर इसका कोई असर नहीं होता है। ताजा मामला कानपुर शहर का है जहाँ इस मौसम में शहरवासियों को पीने के पानी के लिए जूझना पड़ रहा है वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर लाखों लीटर पानी फौव्वारा बनकर फूट रहा है। दरअसल कानपुर के चुन्नीगंज स्थित एक पाइप लाईन फट गई जिसके कारण सड़को पर जाम लग गया और लोग तमाशबीनों की तरह इस नज़ारे को देखते रहे।
यह नज़ारा भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों की उस हकीकत की सच्चाई है जिसे सरकार के सख्त आदेशों के बाद भी बड़ी ही आसानी से अंजाम दिया जा चुका है। वहीँ, अगर बात वर्तमान में पानी की किल्लत पर भी की जाए तो उद्योगों की नगरी कहे जाने वाले कानपुर में जहाँ शहरवासी पीने के पानी को लेकर परेशान है ।वहीं, जलकल विभाग की लापरवाही से लाखों लीटर पानी सड़क पर बर्बाद हो रहा है आपको बता दें कि इस पाइप लाईन का काम जेएनएनआरयूएम योजना के तहत घर-घर तक गंगा के पानी को पहुंचाना था,जिसके लिए गहरी पाइप लाइन बिछाई गई थी लेकिन, जैसे ही पाइप लाइन से टेस्टिंग के लिए पानी छोड़ा गया तो पाइप लाइन कई जगह से फट गई और उससे तेज धमाकेदार आवाज के साथ फव्वारा फूट पड़ा और देखते ही देखते चारों तरफ पानी ही पानी भर गया। हैरानी की बात तो यह रही कि सूचना मिलने के बाद भी घंटो तक न ही जलकल और न ही जल संस्थान के अधिकारी मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों का कहना है कि जलकल विभाग अपनी भ्रष्टाचार से मुँह छिपाता घूम रहा है। आपको बता दें कि जेएनएनआरएम योजना के तहत उत्तर प्रदेश जल निगम को कानपुर में गहरी वाटर पाइप लाइन बिछाने का काम दिया गया था 475 करोड़ रुपये की लागत के ये परियोजना पहले चरण में ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई वाटर लाइन टेस्टिंग का काम पिछले दो सालों से किया जा रहा है लेकिन, जब भी वाटर लाइनों में पानी छोड़ा जाता है तो पाइप फट जाते हैं और अरबों लीटर पानी सड़क का सीना चीरकर फौव्वारे की शक्ल में बाहर आने लगता है और मामले पर अधिकारी चुप्पी साधे इधर से उधर घूमते रहते हैं।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए कानपुर से राघवेंद्र सिंह