मध्य प्रदेश में किसानों की आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। ताजा मामला नीमच जिले के जीरन तहसील में देखने को मिला, जहां पहले तो 3 तारीख को कुचडोद के सुनील धानुक नाम के किसान की पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ ट्रेन की पटरी पर खुदकुशी कर ली। जिसके बाद किसान ने कलेक्टर कार्यालय पहुंच मंडी अध्यक्ष व भाजपा नेता राजू निरंजन तिवारी पर अपनी 3 बीघा जमीन हड़पने ओर शिकायत करने पर डराने धमकाने के आरोप लगाए थे। वही एसडीएम आदित्य शर्मा को शिकायती आवेदन देते हुए बताया था कि अगर किसान की समस्या का समाधान नहीं हुआ और न्याय नहीं मिला तो किसान भी आत्महत्या करने पर मजबूर होगा।
दरअसल सुनील ने मंडी अध्यक्ष पर जमीन हड़पने और प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे, दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद जब किसान को न्याय नहीं मिला तो किसान ने आज अपने भाई सुरेश धानुक के घर जाकर फांसी लगा ली। किसान की आत्महत्या की खबर लगते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। मृतक सुनील धानुक के भाई ने बताया कि उसका भाई पिछले काफी समय से डरा सहमा था, पहले भी कई बार सुनील ने पुलिस व कई दफ्तरों के चक्कर लगाए लेकिन मंडी अध्यक्ष की राजनीतिक रसूख के चलते किसी ने सुनवाई नहीं की।
किसान की आत्महत्या को लेकर जब कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से बात की गई तो उन्होंने पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराने के निर्देश दिए साथ ही दोषी पर सख्त कार्यवाही की बात कही। वही सीएसपी टीसी पंवार ने भी मामले की निष्पक्ष जांच की बात कही।
लेकिन अब सवाल यह उठता है कि जब किसान ने पहले ही दो बार शिकायतें कई दफ्तरों के चक्कर लगवाए तो उसकी क्यों सुनवाई नहीं की गई। किसान की मौत का जिम्मेदार किसे माना जाए।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए मंदसौर, मध्य प्रदेश से बी एल धमानिया