पणजी। कर्नाटक का नाटक अभी थमा नहीं है। बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। लेकिन राज्यपाल के फैसले को लेकर सुप्रीम से लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय तक में याचिकायें और जनहित याचिकायें दायर की जा रही है। कर्नाटक के फैसले के खिलाफ देशभर से विपक्षी एका की आवाज गूंजने लगी है। डीएमके, शिवसेना, सपा, बसपा और कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया है और कहा है कि लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।
वहीं, कर्नाटक में राज्यपाल के फैसले का हवाला देकर कांग्रेस गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रही है। कांग्रेस नेता यतीश नाइक ने कहा है कि 2017 में कांग्रेस के पास 17 सीटें थी और कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। लेकिन गोवा की राज्यपाल ने कांग्रेस को सरकार नहीं बनाने दिया और 13 सीटों वाली भारतीय़ जनता पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। कर्नाटक में राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया तो हम भी अब गोवा की राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के लिए अपील करेंगे।
वहीं, बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी कहा है कि कर्नाटक में लोकतंत्र की हत्या के लिए हम एक दिन का धरना-प्रदर्शन करेंगे और राज्यपाल से मांग करेंगे कि हमारी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है, लिहाजा हमको सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए।
आपको बता दें, कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद भारतीय जनता पार्टी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। कांग्रेस और जेडीएस 78 और 38 विधायकों के साथ क्रमशः दूसरे औऱ तीसरे नंबर पर थी। कर्नाटक राज्यपाल ने अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करते हुए राज्य की सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।
राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कांग्रेस-जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को खारिज करने से मना कर दिया, लेकिन कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई के लिए समय मुकर्रर कर दिया। शुक्रवार को साढ़े दस बजे सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस औऱ जेडीएस की याचिका पर सुनवाई होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल के फैसले को पलटता है या उचित ठहराता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा को जरूरी नंबर्स की लिस्ट सौंपने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के उस लेटर को देखने की बात कहीं हैं जो येदियुरप्पा ने राज्यपाल को सौंपी थी।