नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की मांग मान ली है। लेकिन सेना के पास अधिकार रहेगा कि अगर कोई हमला होता है या फिर पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी की जाती है तो सेना उस दौरान चुप नहीं बैठी रहेगी। ऐसे वक्त में सेना जवाबी कार्रवाई करेगी। ताकि निर्दोष लोगों की जिंदगियों को बचाया जा सके।
बता दें, महबूबा ने मांग की थी कि रमजान के पवित्र माह में सेना की तऱफ से जम्मू-कश्मीर में कोई ऑपरेशन न चलाया जाये। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पार्टियों ने इस बात पर सहमति जताई है कि जैसे 2000 में वाजपेयी जी ने एकपक्षीय युद्धविराम किया था, उसी तरह इस सरकार को भी इस पर सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई से आम लोगों को भी खासी समस्याएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि रमजान का और अमरनाथ यात्रा को देखते हुए हमारी कोशिश शांतिपूर्ण हालात बनाए रखने की है।
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई ने इस बात का विरोध किया था कि यह कदम राष्ट्र के हित में नहीं हैं। भाजपा की राज्य इकाई ने कहा कि सेना की कार्रवाई से आतंकवादियों के हौसले पस्त हुए हैं और एकतरफा संघर्ष विराम उनपर पड़े दबाव को न केवल कम करेगा बल्कि उन्हें फिर से उत्साहित करेगा।